नई दिल्ली। देश की आम जनता चौतरफा महंगाई (Dearness) की मार से परेशान है और इसकी मार सबसे अधिक घर की रसोई पर पड़ रही है। बीते दिनों जहां घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम में 50 रुपये का इजाफा किया गया था, तो नए वित्त वर्ष के पहले दिन ही पाइप्ड नेचुरल गैस(piped natural gas) यानी पीएनजी के दाम में एकदम से 5.85 रुपये की भारी वृद्धि करके तेल कंपनियों ने जनता को बड़ा झटका दिया है।
जैसा कि उम्मीद जताई जा रही थी कि देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly elections) संपन्न होने के बाद तेल-गैस के दामों में इजाफा देखने को मिलेगा। यह उम्मीद सच साबित हो रही है और हर बीतते दिन के साथ आम आदमी का बोझ बढ़ता जा रहा है। रसोई पर महंगाई (inflation on kitchen) की जो मार पड़ रही है उससे घर का बजट गड़बड़ा गया है। हाल ही में घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम में 50 रुपये की वृद्धि की गई, तो इसके बाद पाइप्ड नेचुरल गैस के दाम भी बढ़ा दिए गए। इसमें बीते ग्यारह दिनों में करीब सात रुपये प्रति किलो का इजाफा हो चुका है। हम आपको आज बता रहे हैं कि आपके लिए कौन सी गैस वर्तमान हालातों में ज्यादा किफायती है एलपीजी या पीएनजी और क्या हैं दोनों के फायदे-नुकसान।
दिल्ली-एनसीआर में बढ़े पीएनजी के दाम
पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों के बीच दिल्ली-एनसीआर में पाइप से घरों में पहुंचाई जाने वाली रसोई गैस (पीएनजी) की कीमतों में भी जोरदार इजाफा हुआ है। आईजीएल ने शुक्रवार से इसके दाम 16.5 फीसदी प्रति मानक घन मीटर (एससीएम) बढ़ा दिए हैं। इससे कीमतें हर यूनिट पर करीब 5.85 रुपये बढ़ गई हैं। इसके बाद दिल्ली में लागू मूल्य 41.61 रुपये प्रति एससीएम (वैट सहित) होगा, जबकि गाजियाबाद और नोएडा में घरेलू पीएनजी 41.71 रुपये प्रति एससीएम कर दी गई है। आईजीएल का कहना है कि वैश्विक स्तर पर गैस की कीमतों में उछाल आने से इस वक्त इनपुट कास्ट बढ़ गई है। इस वजह से कीमतों में इजाफा किया गया है।
नेचुरल गैस के दाम में बढ़ोतरी का असर
गौरतलब है कि सरकार ने वैश्विक स्तर पर ईंधन के दाम में आई तेजी के बीच घरेलू स्तर पर उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमत को बढ़ाकर दोगुने से अधिक कर दिया है। नई कीमत एक अप्रैल से लेकर 30 सितंबर 2022 तक लागू होगी। पेट्रोलियम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) की बीते गुरुवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी और ऑयल इंडिया के नियमित क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमत मौजूदा के 2.90 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (यूनिट) से बढ़ाकर 6.10 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट कर दी गई है। इसका असर सीधे तौर पर पीएनजी के दाम में बड़ी वृद्धि के रूप में देखने को मिला है और आगे इसमें और बढ़ोतरी की उम्मीद है।
घरेलू सिलेंडर के दाम यहां पहुंचे
गैस कंपनियों की ओर से देश की आम जनता को बड़ा झटका देते हुए घरेलू रसोई गैस के दाम में बढ़ोतरी की गई। कंपनियों ने रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 50 रुपये बढ़ा दी और इसके तेजी के बाद 14.2 किलोग्राम का एलपीजी सिलेंडर दिल्ली में 949.50 रुपये का हो गया। इस वृद्धि के बाद कई बड़े शहरों में सिलेंडर की कीमत 1000 रुपये को पार कर गई है और पटना में इस समय 1048 रुपये यानी सबसे महंगा घरेलू गैस सिलेंडर हो गया है। तेल कंपनियों को तर्क है कि रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग के चलते उपजे हालातों को असर सप्लाई पर पड़ा है और यही कारण है कि हम कीमतों में वृद्धि करने को मजबूर हुए हैं।
कौन सी गैस आपके लिए किफायती
एक रिपोर्ट के अनुसार, मोदी सरकार ने देश की 70 फीसदी आबादी के पास पीएनजी कनेक्शन पहुंचाने के लिए बड़ी योजना तैयार की है। पेट्रोलियम मंत्रालय के फरवरी 2021 तक के आंकड़ों के अनुसार, 29 करोड़ से ज्यादा ज्यादा परिवार एलपीजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बीच अगर किफायत के स्तर पर देखें तो भले ही एलपीजी के उपभोक्ता देश में अधिक हों लेकिन पाइप्ड गैस (पीएनजी) उपयोग के लिहाज से ज्यादा किफायती है। भले ही इसके दाम में अभी लगातार तेजी आ रही है फिर भी यह एलपीजी से बहुत सस्ती पड़ती है। ऐसे में रसोई का खर्च दिन-ब-दिन बढ़ने के दौर में अगर आप पीएनजी पर स्विच करते हैं, तो गैस के खर्च को काफी बचा सकते हैं।
एलपीजी से कितनी सस्ती पीएनजी
देश की राजधानी दिल्ली में अभी बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम घरेलू एलपीजी सिलेंडर हालिया वृद्धि के बाद बढ़कर 949.50 रुपये है। इस तरह एक किलोग्राम गैस का दाम करीब 68 रुपये पड़ता है। वहीं इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) के पीएनजी का दाम 5.85 रुपये बढ़ाए जाने के बाद भी यह बढ़ाने के बाद भी 41.61 रुपये प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर (एससीएम) है। बता दें कि एक किलोग्राम एलपीजी 1.16 स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर के बराबर होती है। इस लिहाज से देखें तो एक किलोग्राम पीएनजी का दाम करीब 44 रुपये पर बैठेगा। जो एलपीजी से फिर भी बहुत सस्ता रहेगा। यानी आप आप पीएनजी का इस्तेमाल करके फिलहाल करीब 26 रुपये तक की बचत कर सकते हैं।
पीएनजी और एलपीजी में अंतर
पीएनजी यानी कि पाइप्ड नेचुरल गैस। इस नेचुरल गैस को उद्योगों या घर तक पाइप के जरिये पहुंचाया जाता है। इसके अलावा पीएनजी पर फैक्ट्रियों को चलाने का मकसद प्रदूषण को कम करना भी है। वहीं दूसरी ओर एलपीजी गैस की बात करें तो ये द्रवित पेट्रोलियम गैस यानी लिक्यूफाइड पेट्रोलियम गैस भी कहते हैं। इसमें कई हाइड्रो कार्बन गैस का मिक्सर होता है। इसे ज्यादातर रसोई गैस के रूप में ही इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अब इसका उपयोग गाड़ियों और अन्य उपकरणों में भी तेजी से हो रहा है।
दोनों गैसों के फायदे और नुकसान
फायदे की बात करें तो एलपीजी की तुलना में पीएनजी न केवल पैसों की बचत के हिसाब से बल्कि अन्य कई मामलों में भी फायदेमंद है। इसका सबसे बड़ा फायदा आपके समय की बचत है, क्योंकि एलपीजी सिलेंडरों की बुकिंग और इसकी डिलीवरी के लिए लंबी प्रतीक्षा सूची की परेशानी से मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा अगर आप पीएनजी का इस्तेमाल करते हैं तो गैस सिलेंडर से किसी तरह का रिसाव या फिर डिलीवरी के दौरान कम वजन होने के झंझटों से भी निजात मिल जाती है। वहीं जहां एलपीजी सिलेंडर रसोई में जगह घेरता है तो पीएनजी का वॉल्व छोटी सी जगह में लग जाता है। इसके अलावा सिलेंडर में आग लगने के खतरों से राहत मिलती है, आग लगने की दशा में पीएनजी उपभोक्ता रसोई के अंदर और बाहर लगे वाल्व को बंद करके सप्लाई को तत्काल रोक सकते हैं। एक और बड़ा फायदा ये होता है कि आपको पीएनजी के लिए उतने ही बिल का भुगतान करना होता है जितना की आपने इस्तेमाल किया है। हालांकि पीएनजी में भी एक बड़ा नुकसान है, कई बार लाइन में फॉल्ट होने की वजह से आपको कई घंटे तक गैस की सप्लाई नहीं मिलती है।
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