नई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर जा चुकी है, तीसरी की आशंका को लेकर सरकार सजग है। बच्चों को कोई परेशानी न आए उसके लिए बच्चों की वैक्सीन पर काम चल रहा है। इस बीच सरकारी समिति ने सीरम इंस्टीट्यूट के क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति देने के खिलाफ सिफारिश की गई है।
सूत्रों के मुताबिक सरकारी समिति ने सीरम इंस्टीट्यूट को 2-17 आयु वर्ग के बच्चों पर कोवोवैक्स टीके के दूसरे या तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति देने के खिलाफ सिफारिश की है। सीरम इंस्टीट्यूट ने सोमवार को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को आवेदन करके 10 साइटों पर 12-17 और 2-11 आयु वर्ग के 920 बच्चों, 460 प्रत्येक पर कोवोवैक्स का परीक्षण करने की अनुमति मांगी थी।
एक सूत्र ने कहा कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने आवेदन पर विचार-विमर्श किया और पाया कि किसी भी देश में टीका को मंजूरी नहीं दी गई है। अगस्त 2020 में, नोवावैक्स और एसआईआई ने एक समझौते की घोषणा की थी जिसके तहत अमेरिकी जैव प्रौद्योगिकी कंपनी ने एसआईआई को निम्न और मध्यम आय वाले देशों में वैक्सीन के निर्माण और आपूर्ति का लाइसेंस दिया था।
मार्च 2021 में सीईओ पूनावाला ने कहा कि कोवोवैक्स को इस साल सितंबर तक लॉन्च किया जाएगा। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के पास भी दो टीके हैं, जिन्हें बच्चों पर आजमाया जा रहा है, कोवैक्सिन और बीबीवी154, एक शॉट वाला नाक वाला टीका है। जायडज ने भी 12-18 वर्ष की आयु के बच्चों पर टेस्ट शुरू कर दिया है।
12-18 साल के बच्चों को जायडस कैडिला का टीका
कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आहट के बीच खुशखबरी है। 12-18 साल के बच्चों को जायडस कैडिला का टीका अगस्त से लगाया जा सकेगा। इसका परीक्षण जुलाई के आखिर तक समाप्त हो जाएगा।
एम्स में बच्चों पर ट्रायल
बता दें कि इससे पहले दिल्ली एम्स में बच्चों पर कोरोना वैक्सीन ट्रायल के तहत दो से छह साल के बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल शुरू किया गया है। इससे पहले 12 से 18 और 6 से 12 साल के बच्चों को कोवाक्सिन की डोज दी जा चुकी है और इन दोनों आयुवर्ग का ट्रायल पूरा हो चुका है। दो से छह साल के बीच के बच्चों को परीक्षण में शामिल किया गया है।
पहले दिन कुछ बच्चों को खुराक दी गई है। जिन बच्चों को वैक्सीन लगाई गई है। वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं। डॉक्टरों की एक टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है। टीका लगाने से पहले इनकी स्क्रीनिंग की गई थी। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही वैक्सीन लगाई गई है। इस महीने की शुरुआत में 12 से 18 साल के बच्चों को पहली डोज लगी थी, उन्हें इस माह दूसरी डोज लगाई जाएगी।
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