नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान में अब चंद दिन ही बचे हैं. ऐसे में सभी दल तैयारियों में जुटे हैं तो नेता अपने-अपने हिसाब से हवा का रुख पहचानने और उसी के तहत रणनीति बना रहे हैं. इसी कवायद में कई नेता इधर-उधर उछल-कूद भी कर रहे हैं. नेताओं की कूद-फांद उनकी पुरानी पार्टियों को झटका तो नए दलों के समीकरण बदल रही है. ऐसा ही झटका ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को भी लगा है.
तृणमूल कांग्रेस की त्रिपुरा इकाई के पूर्व अध्यक्ष पीयूष कांति बिस्वास मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए. यह बिस्वास की कांग्रेस में वापसी है. वह पहले त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं. त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष आशीष कुमार साहा ने यहां पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस के त्रिपुरा प्रभारी गिरीश चोडानकर की मौजूदगी में बिश्वास का पार्टी में स्वागत किया. बिश्वास ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह मेरे लिए सबसे खुशी का दिन है. मैं फिर से कांग्रेस में शामिल हो रहा हूं.’’
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उन्होंने राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के पूर्वोत्तर में आरंभ होने का उल्लेख किया और आरोप लगाया, ‘‘मैं पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा से हूं, जिसे हमारे प्रधानमंत्री ने उपेक्षित किया है. आप सभी लोग मणिपुर के प्रति प्रधानमंत्री के रवैये से अवगत हैं.’’ बिस्वास ने कहा, ‘‘राहुल गांधी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराया जा सकता है और मैं सभी से इस लड़ाई में राहुल गांधी के साथ आने की अपील करना चाहता हूं.’’
त्रिपुरा उच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील बिस्वास को फरवरी, 2023 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी प्रदेश इकाई का प्रमुख बनाया गया था. चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उन्होंने जुलाई 2023 में टीएमसी से इस्तीफा दे दिया था. मालूम हो कि तृणमूल कांग्रेस भी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है, जिसका नेतृत्व कांग्रेस पार्टी कर रही है. हालांकि कांग्रेस और TMC के बीच बंगाल में सीट बंटवारे को लेकर गहमा-गहमी हुई थी.
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