नई दिल्ली: पाकिस्तान में इमरान खान (Pakistan Imran Khan) सरकार का आखिरी दिन लगभग करीब आ चुका है. कल यानी 28 मार्च को नेशनल असेंबली में इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) लाया गया है और आज इमरान सरकार में महत्वपूर्ण सहयोगी जम्हूरी वतन पार्टी (Jamoori Watan Party) के नेता शाहज़ैन बुगती (Shahzain Bugti) ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. इसका मतलब यह हुआ है कि इमरान खान के पास अब नेशनल असेंबली में सदस्यों की संख्या और कम हो गई है. शाहजैन बुगती पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के बलूचिस्तान पर शांतपूर्ण सौहार्द्र और सुलह मामलों के सलाहकार थे. इन्हें मंत्री का दर्जा प्राप्त था.
सबसे बड़ी बात यह है कि बुगती ने विपक्षी खेमे से हाथ मिला लिया है. बुगती की पार्टी अब विपक्षी द्वारा बनाए गए पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट का हिस्सा होगी. शाहजैन बुगती दिवंगत अकबर बुगती के नाती हैं. अकबर बुगती बलूचिस्तान आंदोलन के महत्वपूर्ण नेता थे जिन्हें परवेज मुशर्ऱफ के शासन काल में 2006 में पाकिस्तानी सेना ने मार गिराया था.
बुगती का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब इमरान खान आज इस्लामाबाद में रैली करने वाले हैं. माना जा रहा है कि इस्लामाबाद में रैली कर इमरान खान जनता पर अपनी ताकत को दिखाना चाहते हैं. इस रैली में लाखों लोगों के भाग लेने की संभावना जताई गई है. इमरान खान 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे. उनकी पार्टी चुनाव में नया पाकिस्तान के वादे के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर आई थी. लेकिन आर्थिक मोर्चे पर नाकाम रहने के कारण पाकिस्तान के विपक्ष उनपर हाबी हो चुका है.
पाकिस्तान के निचले सदन नेशनल असेंबली में 342 सदस्य चुनकर आते हैं. सरकार बनाने के लिए 172 सदस्यों की जरूरत पड़ती है. विपक्ष ने दावा किया है कि उसके पास 172 से ज्यादा सदस्यों का समर्थन हासिल है. नेशनल असेंबली का सत्र 25 मार्च को ही बुलाया गया था लेकिन स्पीकर ने सदन को स्थगित कर दिया है. डेली एक्सप्रेस के मुताबिक इमरान खान सरकार के 50 मंत्री फिलहाल कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं. यानी इन मंत्रियों ने इमरान सरकार से समर्थन वापसी का मन बना लिया है. इन 50 मंत्रियों में 25 केंद्र और राज्य सरकार में सलाहकार की भूमिका में हैं.
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