लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (British Prime Minister Boris Johnson) को तगड़ा झटका लगा है। महामारी के दौरान गैर कानूनी जमावड़े में शामिल (involved in illegal gatherings) होने के मामले में देश के सांसदों ने संसदीय जांच को मंजूरी दे दी है। जांच में यह पता लगाया जाएगा कि बोरिश जॉनसन महामारी के दौरान गैर कानूनी जमावड़े में शामिल हो कर कोरोना वायरस (corona virus) के चलते लागू प्रतिबंधों का उल्लंघन (breach of sanctions) किया था या नहीं। बोरिस जॉनसन फिलहाल दो दिन के दौरे पर गुरुवार को भारत पहुंचे हैं।
हाउस ऑफ कॉमन्स में इसके लिए मतदान नहीं हुआ लेकिन सभी ने सर्वसम्मति से हां कहा। इस मंजूरी के बाद आरोपों की जांच संसद की कमेटी आफ प्रिवलेजेस करेगी और यह पता लगाएगी कि जॉनसन ने जानबूझ कर संसद को गुमराह किया था या नहीं।
यह कदम कंजरवेटिव पार्टी के प्रधानमंत्री पर अधिक दबाव डालेगा जिनकी सत्ता पर पकड़ इस दावे के चलते कमजोर हुई है कि उन्होंने अपने देश पर कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए नियमों की खुद ही धज्जियां उड़ाईं और फिर इसे स्वीकार भी नहीं किया।
विपक्षी लेबर पार्टी ने हाउस ऑफ कॉमन्स में मतदान का ऐलान किया था। जॉनसन पर पिछले हफ्ते जून 2020 में अपने कार्यालय में अपने जन्मदिन की पार्टी में भाग लेने के लिए पुलिस द्वारा 50 पाउंड (66 अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना लगाया गया था। जॉनसन पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने पद पर रहते हुए कानून तोड़ा है। उन्होंने हालांकि माफी मांगी है, लेकिन इस बात से इनकार किया कि उन्होंने जानबूझकर नियमों को तोड़ा है।
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