नई दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) ने कर्ज में डूबी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की बैंक ऑफ इंडिया की अपील को स्वीकार कर लिया है। साथ ही इस बारे में अमेजन की आपत्ति खारिज करते हुए विजय कुमार अय्यर को एफआरएल का समाधान पेशेवर नियुक्त किया है।
एनसीएलटी की मुंबई बेंच के इस फैसले से फ्यूचर रिटेल समूह के मालिक किशोर बियाणी और अमेजन को झटका लगा है। इसी साल अप्रैल में बैंक ऑफ इंडिया ने फ्यूचर रिटेल के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की अपील की थी। अप्रैल में फ्यूचर रिटेल 3,493 करोड़ रुपये के भुगतान में चूक गई थी।
अमेजन ने लगाई थी याचिका
12 मई को अमेजन ने इस मामले में हस्तक्षेप की अपील दायर की थी। उसने कहा था कि यह बैंक ऑफ इंडिया और फ्यूचर रिटेल के बीच सांठगांठ है। इसलिए इस मामले को अभी शुरू करना उसके अधिकारों के साथ समझौता होगा। फ्यूचर रिटेल अपने कर्जदारों के साथ कुल 5,322 करोड़ रुपये का भुगतान करने में चूक गई है। अमेजन के साथ विवाद और अन्य कारणों से वह कर्जदारों का कर्ज नहीं चुका पाई।
रिलायंस के साथ टूटा 24,713 करोड़ का सौदा
अमेजन विवाद से फ्यूचर का रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ सौदा भी टूट गया। अप्रैल में रिलायंस ने कहा था, वह फ्यूचर समूह के साथ सौदे पर आगे नहीं बढ़ सकती है। फ्यूचर समूह ने 2020 में रिलायंस की कंपनी रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ के विलय की घोषणा की थी। इसमें फ्यूचर की 19 कंपनियां शामिल थीं।
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