नई दिल्ली। ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन (Amaozn) को फ्यूचर ग्रुप (Future group) मामले में जबरदस्त झटका लगा है। एनसीएलएटी (NCLAT) ने अमेजन और फ्यूचर कूपन के बीच सौदे को निलंबित करने के भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के आदेश को बरकरार रखा है। आदेश में अमेजन को 45 दिनों के भीतर 200 करोड़ रुपये का जुर्माना भरने का निर्देश दिया गया है।
आदेश में क्या कहा गया होगा?
न्यायमूर्ति एम वेणुगोपाल और अशोक कुमार मिश्रा की दो सदस्यीय पीठ ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के फैसले को बरकरार रखा और अमेजन को निर्देश दिया कि वह सोमवार से 45 दिनों के भीतर निष्पक्ष व्यापार नियामक द्वारा ई-कॉमर्स कंपनी पर लगाए गए 200 करोड़ रुपये के जुर्माने को जमा करे।
दो सदस्यीय पीठ ने कहा, ”यह अपीलीय न्यायाधिकरण सीसीआई के साथ पूरी तरह से सहमत है।” बता दें कि इससे पहले CCI ने फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (FCPL) के साथ अपने सौदे के लिए दो साल से अधिक पुरानी मंजूरी को निलंबित कर दिया था।
पिछले साल दिसंबर में, सीसीआई ने फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए अमेजन द्वारा किए गए सौदे के लिए 2019 में उसके द्वारा दी गई मंजूरी को निलंबित कर दिया था और साथ ही 202 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था। अमेजन ने इसके खिलाफ एनसीएलएटी में अपील दायर की थी। फ्यूचर कूपंस लिमिटेड (एफसीपीएल) फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) की प्रवर्तक है।
क्या है मामला?
अमेजन इस मामले को अक्टूबर, 2020 में सिंगापुर मध्यस्थता केंद्र में लेकर गई थी तब से दोनों कंपनियों के बीच कानूनी लड़ाई छिड़ गई है। अमेजन का कहना है कि एफआरएल ने रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपये का बिक्री करार कर 2019 में उसके साथ हुए निवेश समझौते का उल्लंघन किया है।
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