भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर-एसपी कॉफ्रेंस में एक बार फिर सख्त तेवर दिखाए हैं। खराब परफॉर्मंेस की वजह से मुख्यमंत्री दो जिलों के कलेक्टर और एसपी को हटा दिया है। साथ ही आधा दर्जन जिलों के कलेक्टर एसपी को चेतावनी दी है। इनमें से कुछ जिलों के कलेक्टर एसपी पर आगे तबादले की गाज गिर सकती है। दो साल पहले उपार्जन का किसानों का भुगतान नहीं होने पर मुख्यमंत्री ने गुना कलेक्टर से जवाब मांगा तो कलेक्टर के जवाब पर मुख्यमंत्री नाराज हो गए है। कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम से कहा कि मुझे कलेक्टरी मत सिखाओ। दतिया कलेक्टर संजय कुमार के जवाब से मुख्यमंत्री संतुष्ठ नहीं थे तो कहा कि ये कोई जवाब है। मुख्यमंत्री ने वीडियेा कॉफ्रेेंस से पहले सभी जिलों की परफॉर्मेँस रिपोर्ट तैयार कर रखी थी। सरकार इन दिनों चिटफंड, मिलावट, भूमाफिया के खिलाफ अभियान चला रही है। इन अभियानों में कुछ जिलों में प्रशासन द्वारा लोगों को बेवजह परेशान करने की शिकायत भी मुख्यमंत्री को आमजन एवं जनप्रतिनिधियों के माध्यम से मिली हैं। कलेक्टर एवं एसपी को हटाने के पीछे की वजह यही परफॉर्मेंस रिपोर्ट है। बैतूल कलेक्टर राकेश सिंह की कार्रवाई बेहद ढीली रही थी। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उन्हें हटाने की लंबे समय से मांग कर रहे थे। राकेश सिंह को कमलनाथ सरकार ने एक साल पहले कलेक्टर बनाया था। इसी तरह नीमच कलेक्टर जितेन्द्र राजे को हटाने की वजह मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा से पटरी नहीं बैठना है। सकलेचा कलेक्टर को लेकर कई बार मुख्यमंत्री से मिल चुके थे। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के जरिए भी शिकायत मुख्यमंत्री तक भेजी गई। वहीं गुना एसपी राजेश सिंह को हटाने की वजह सिपाही का बगावत पर उतरना बताया जा रहा है। जबकि सिपाही ने वीडियो जारी कर ग्वालियर के पूर्व आईजी राजाबाबू सिंह एवं पुलिस के अन्य अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए थे। लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं की गई। गुना एसपी के तबादले के पीछे राजनीतिक कारण भी बताए जा रहे हैं। बताया गया कि गुना एसपी के तबादले का फैसला ग्वालियर व्यापार मेले के शुभारंभ के दौरान हो चुका था। निवाड़ी एसपी वाहिनी सिंह के तबादले के पीछे बार-बार मुख्यालय छोडऩा बताया जा रहा है। साथ ही अन्य शिकायत भी सीएम को मिली थीं। हालांकि तबादले की वजह लड़कियों का ज्यादा संख्या में लापता होना भी बताया जा रहा है।
इन कलेक्टरों को मिली चेतावनी
मुख्यमंत्री ने नीमच, बैतूल कलेक्टर को हटा दिया है। जबकि हरदा कलेक्टर संजय गुप्ता, होशंगाबाद कलेक्टर धनंजय सिंह, रतलाम कलेक्टर गोपाल डांड, धार कलेक्टर आलोक कुमार, शहडोल कलेक्टर सतेन्द्र सिंह और दतिया कलेक्टर संजय मिश्रा को चेतावनी दी गई है। संभवत: भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसरों की अगली तबादला सूची में इनमें से कुछ अफसरों पर तबादले की गाज गिर सकती है।
अच्छे कार्य के लिए पीठ थपथपाएंगे
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों की पीठ थपथपाई जाएगी। जो अधिकारी परिणाम नहीं देंगे, तो वे उन पदों पर आसीन नहीं रहेंगे। निष्पक्ष मूल्यांकन करते हुए श्रेष्ठ कार्य करने वाले अधिकारियों की प्रशंसा भी की जाएगी। चौहान ने कहा कि उनकी दृष्टि में सभी समान हैं। मन में किसी तरह का राग-द्वेष किसी के लिए नहीं है।
पीठ थपथपाने में हर बार बाजी मारता है इंदौर
मुख्यमंत्री हर वीडियो कॉफ्रेंस में इंदौर कलेक्टर की पीठथपाते हैं। इंदौर में प्रशासन द्वारा कई तरह की लापरवाही की जाती है। पिछले दिनों इंदौर में बुजुर्गों को कचरा गाड़ी में भरकर शहर से दूर कचरे की तरह फेंकने का वीडियो वायरल हुआ था। लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं की गई। जबकि पिछली वीडियो कॉफ्रेंस में ग्वालियर नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन को सिर्फ इसलिए हटाया गया कि सफाई कर्मियों ने वेतन नहीं मिलने पर कचरा सड़क पर फेंक दिया था।
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