नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 (Maharashtra Assembly Elections 2024) में महायुति को बंपर जीत मिली। बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट), एनसीपी (अजित पवार गुट) के गठबंधन को प्रचंड बहुमत मिलने की प्रमुख वजह लाडकी बहिन योजना है, जिसे एकनाथ शिंदे ने शिवराज सिंह की लाडली बहना योजना (Ladli Behna Scheme) के तर्ज पर शुरू किया था। इसके बाद जिस तरह मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान मामा के नाम से प्रसिद्ध हैं, उसी तरह अब एकनाथ शिंदे लाडली बहनों के लाडले भाई बन गए।
एकनाथ शिंदे ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुद इस बात का जिक्र किया कि वे महाराष्ट्र की लाडली बहनों के लाडले भाई हैं। वे आगे भी इनके लिए तत्पर रहेंगे। लाडली बहनों ने इस चुनाव में अपने लाडले भाई को याद रखा। साथ ही उन्होंने कहा कि वे आगे भी इसी तेजी से कार्य करेंगे और उन्होंने महायुति को मजबूत बनाने के लिए सबका धन्यवाद अदा किया।
पिछले साल मध्य प्रदेश चुनाव के बाद शिवराज सिंह चौहान ने विधायक दल की बैठक में खुद मोहन यादव को सीएम बनाने का प्रस्ताव रखा था। ठीक उसी तरह एकनाथ शिंदे ने भी आज स्पष्ट कर दिया कि जो भी फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित लेंगे, उन्हें मंजूर होगा। उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि उनकी ओर से सीएम पद को लेकर कोई अड़चन नहीं आएगी और महायुति को सपोर्ट करेंगे। ऐसे में अब देवेंद्र फडणवीस के सीएम बनने का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। हालांकि, अभी आधिकारिक घोषणा होना बाकी है।
अब बड़ा सवाल उठता है कि अगर एकनाथ शिंदे सीएम नहीं बनेंगे तो उनके लिए आगे क्या रास्ता है? जैसे शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश से हटाकर केंद्र में मंत्री बनाया गया, वैसे ही एकनाथ शिंदे भी केंद्रीय मंत्री बन सकते हैं। इसे लेकर केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के अध्यक्ष रामदास आठवले ने कहा था कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं या केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोई पद मांग सकते हैं। उन्होंने एकनाथ शिंदे की सिफारिश पीएम मोदी और अमित शाह से करते हुए कहा कि वे (प्रधानमंत्री-गृह मंत्री) इस बारे में जरूर सोचेंगे और जल्द ही फैसला ले सकते हैं।
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