खजुराहो। लंबे समय तक मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री (Chief Minister) रहे शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) भले ही अब इस पद पर ना हों और केंद्रीय कृषि मंत्री (Union Agriculture Minister) बन चुके हों, लेकिन प्रदेश की जनता के दिलों में उनका जलवा आज भी बिल्कुल वैसा ही कायम है जैसा तब होता था जब वो मुख्यमंत्री हुआ करते थे। इसकी बानगी बुधवार को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के सामने भी दिखाई दे गई, जब वह विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करने के लिए मध्य प्रदेश के खजुराहो में पहुंचे थे।
कार्यक्रम में अपने संबोधन से पहले प्रधानमंत्री मोदी जब मंच पर बारी-बारी से सबका नाम लेकर उनका अभिवादन कर रहे थे, तो इसी दौरान उन्होंने वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) का नाम भी लिया, लेकिन उनका नाम सुनकर जनता बिल्कुल शांत बैठी रही। फिर इसके बाद प्रधानमंत्री ने जैसे ही केंद्रीय मंत्री कहकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम लिया तो जनता का जोश और उत्साह देखने लायक था। उन्होंने ना केवल शोर मचाते हुए शिवराज को चीयर किया बल्कि जोरदार ताली बजाकर उनका अभिनंदन भी किया।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को मध्यप्रदेश में ‘केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना’ की आधारशिला रखने समेत कई विकास कार्यों की शुरुआत करने पहुंचे थे। इस अवसर पर उन्होंने ने राज्य के खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र का वर्चुअल उद्घाटन भी किया और दौधन सिंचाई परियोजना की आधारशिला भी रखी। खजुराहो कार्यक्रम में पीएम ने 437 करोड़ रुपए की लागत से 1,153 अटल ग्राम सेवा सदनों के निर्माण के लिए भी भूमिपूजन किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केन-बेतवा नदी को जोड़ने से बुंदेलखंड क्षेत्र में समृद्धि और खुशहाली के नए द्वार खुलेंगे। इस दौरान केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सीआर पाटिल और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने क्रमशः बेतवा और केन नदियों के पानी से भरे दो कलश मोदी को सौंपे, जिन्होंने इसे नदी जोड़ने के काम की शुरुआत के लिए परियोजना के एक मॉडल पर डाला।
अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना के तहत मध्यप्रदेश के 10 जिलों के करीब 44 लाख और उत्तर प्रदेश के 21 लाख लोगों को पेयजल उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि इस परियोजना पर कुल 44,605 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है।
अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना से दो हजार गांवों के करीब 7.18 लाख किसान परिवारों को लाभ मिलेगा। इससे 103 मेगावाट जलविद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा भी पैदा होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी पर उनकी स्मृति में एक स्मारक टिकट और सिक्का भी जारी किया। तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने सिंचाई जरूरतों के साथ-साथ बाढ़ से निपटने के लिए नदियों को जोड़ने का प्रस्ताव रखा था।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved