रामेश्वर धाकड़
भोपाल। मप्र में शिवराज सरकार द्वारा लागू की जा रही लाडली बहन योजना पर केंद्र सरकार समेत कई राज्यों की नजर है। योजना सियासी रूप से मप्र में सफल रही तो अगले साल 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार भी लाडली बहन या फिर इसी तरह की योजना देशभर में लागू कर सकती है। हालांकि इस योजना को मप्र सरकार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लागू कर रही है। इसलिए इसे सियासी नजरिए से भी देखा जा रहा है और शिवराज का मास्टर स्ट्रॉक माना जा रहा है।
लाडली बहन योजना को तैयार करने वाली टीम के हिस्सा रहे अफसरों के अनुसार योजना के संबंध में केंद्र सरकार से भी सलाह मशविरा किया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से योजना को लेकर चर्चा कर चुके थे।
योजना का मसौदा तैयार होने के बाद ही मुख्यमंत्री चौहान ने योजना का ऐलान किया था। भाजपा शासित राज्यों में मप्र सियासी तौर पर बड़ा राज्य है। इसलिए इस योजना के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। यदि मप्र में योजना सफल रही यानी भाजपा बहुमत के साथ सत्ता में आती है तो यकीनन 2024 के आम चुनाव से पहले देश भर में नारी सशक्तिकरण के नाम पर नई योजना शुरू हो सकती है। यदि ऐसा होता है तो महिला सशक्तिकरण की दिशा में शिवराज की दूसरी योजना होगी जो देश भर में लागू होगी। इससे पहले लाडली लक्ष्मी योजना को भी ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओÓ के नाम से लागू किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री 5 मार्च को लाडली बहन योजना का शुभारंभ कर रहे हैं। इसी दिन उनका जन्मदिन भी है। दिल्ली सूत्र बताते है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने योजना की लॉचिंग समारोह में हाईकमान को भी न्यौता दिया है। दिल्ली प्रवास के दौरान इसी सिलसिले में उन्होंने कुछ नेताओं से मुलाकात भी की थी।
बंद होगी मात्र वंदना योजना!
कामकाजी महिलाओं को प्रसूता के समय बेहतर खानपान मुहैया कराने के लिए भारत सरकार ने मात वंदना योजना शुरू की थी। यदि केंद्र सरकार लाडली बहन योजना को लागू करती है तो मातृ वंदना समेत अन्य योजनाएं बंद हो सकती हैं। प्रधानमंत्री मोदी भी देश की नारी शक्ति के आर्थिक सशक्तिकरण के पक्षधर हैं। यही वजह है कि कोरोना काल में भारत सरकार ने देश की महिलाओं के खातों में तीन महीने तक 500 रुपए प्रतिमाह भेजे थे।
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