इंदौर। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान बड़ी जिम्मेदारी के लिए फिलहाल दिल्ली के चक्कर लगा रहे हैं। हालांकि उन्हें यह पहले से पता था कि वे सत्ता आने के बावजूद इस बार मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे। इसी के चलते उन्होंने मुख्यमंत्री निवास के अतिरिक्त आवंटित अन्य दो बंगलों में से 74 बंगले स्थित निवास का रिनोवेशन करा लिया था। चुनाव के तीन माह पहले से शुरू हुआ यह रिनोवेशन चुनाव के चलते भी जारी रहा। पूर्व में प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए शिवराजसिंह चौहान इसी बंगले में रहते थे और यहीं से वे मुख्यमंत्री के पद पर पहुंचे थे।
अभी पूर्व मुख्यमंत्री सीएम हाउस में ही रह रहे हैं, वहीं नए मुख्यमंत्री मोहन यादव अपने पुराने बंगले विंध्य कोठी से ही सारी गतिविधियां संचालित कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि नए मुख्यमंत्री मलमास पूरा होने के बाद ही सीएम हाउस में रहने जाएंगे और चौहान भी इसी दौरान नए घर में शिफ्ट होंगे। अपने नए घर के लिए उन्होंने अपने उसी पुराने निवास का चयन किया है, जिसमें वे प्रदेशाध्यक्ष के समय रहते थे। यह बंगला उस समय तात्कालिक कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के घर से लगा हुआ था। उस समय शिवराजसिंह अधिकतर विजयवर्गीय के घर से पार्टी का संचालन करते थे और अधिकांश समय यहीं रहते थे। इसी घर से वे मुख्यमंत्री के पद पर पहुंचे, इसलिए इस निवास को वे लकी मानते हैं और मुख्यमंत्री रहते हुए भी उन्होंने यह निवास नहीं छोड़ा था। 2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी, तब वे मुख्यमंत्री निवास से इसी मकान में आए थे और यहीं से फिर मुख्यमंत्री के पद पर काबिज होकर मुख्यमंत्री निवास चले गए थे। इससे उनका विश्वास इस निवास को लेकर और बढ़ गया था। तीन-चार माह पहले जब उन्हें इस बात का अंदेशा हो गया था कि वे मुख्यमंत्री पद से हटाए जा सकते हैं तो उन्होंने इसी घर का फिर से रिनोवेशन करा लिया था, ताकि यदि उनका अंदेशा सही साबित हुआ तो वे फिर से इसी घर में आ जाएं।
भाग्यशाली मानते हैं बंगले को… दो बार यहीं से मुख्यमंत्री बने
शिवराजसिंह चौहान इस बंगले को बेहद भाग्यशाली मानते हैं… प्रदेशाध्यक्ष से मुख्यमंत्री के पद तक इसी घर से वे पहुंचे थे और इसके बाद कांग्रेस की सरकार के बाद भी दोबारा यहीं से मुख्यमंत्री बने… शिवराज को विश्वास है कि यह बंगला उन्हें फिर एक बार बड़े पद तक पहुंचाएगा… मुख्यमंत्री पद से रवानगी के बाद शिवराजसिंह चौहान भोपाल में ही रहेंगे… फिलहाल उनके घर के पास केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की समर्थक इमरती देवी रह रही हैं… यह भी संभावना है कि चूंकि इमरती देवी इस बार विधायक भी नहीं रही हैं, इसलिए उनको बंगला खाली करना पड़े और इस बंगले में फिर से कैलाश विजयवर्गीय अपना आशियान बना लें…
बंगलों की साज-सज्जा पर कर चुके हैं करोड़ों रुपए खर्च
वैसे तो दिल्ली के मुख्ंयमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा अपने बंगले पर करोड़ों रुपए खर्च कराए जाने को लेकर बेहद हंगामा मचा था और यहां तक कि अब इसकी जांच भी शुरू हो गई है, लेकिन यह भी सच है कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी अपने बंगलों के रिनोवेशन पर 25 से 27 करोड़ रुपए खर्च कर डाले… मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के पास मुख्यमंत्री निवास के अतिरिक्त दो और बंगले थे। इनमें से एक बंगला यह भी है, जहां वे शिफ्ट होने वाले हैं। इसके रिनोवेशन पर भी करोड़ों रु. खर्च किए गए। मुख्यमंत्री निवास के रिनोवेशन पर भी काफी पैसा खर्च हुआ, जिसमें उन्होंने अपने लिए एक नया कार्यालय बनवाया था, साथ ही एक मीटिंग हाल और जनसुनवाई के लिए बड़ा कक्ष बनाया गया था। मुख्यमंत्री निवास से सटी खाली भूमि पर शिवराजसिंह चौहान हर दिन पौधारोपण करते आए हैं। यह काम उन्होंने कोरोना काल के बाद से शुरू किया था। अब उन्होंने नए मुख्यमंत्री से पौधारोपण के लिए भी जगह मांगी है।
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