भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर से मप्र के सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दे सकते हैं। लंबे समय अपनी मांगों को लेकर लामबंद सरकारी कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि मंडल से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चर्चा करेंगे। मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति ने पंजीकृत कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों से दो-दो नाम मांगे हैं। बैठक में कर्मचारी संगठन की मांगों, नीतिगत निर्णय, आर्थिक मामलों समेत अन्य समस्याओं पर खुलकर बात होगी। फिलहाल बैठक की तारीख तय नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि 16 अप्रैल के बाद यह बैठक आयोजित की जाएगी। यदि मंत्रालय कर्मचारी संघ को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश कर्मचारी संगठन आंदोलन की राह पर हैं। प्रदेश से सबसे बड़े तृतीय वर्ग कर्मचारी संगठन ने आगामी 20 अप्रैल से चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान किया। इसके अलावा अध्यापक, संविदा कर्मचारी, दैनिक वेतनभोगी, लिपिक वर्ग, वाहन चालक संघ, चतुर्थ श्रेणी, बिजली कर्मचारी, पेंशनर्स समेत अन्य कर्मचारी संगठन भी आंदोलन कर रहे हैं। कर्मचारियों के साथ होने जा रही बैठक को लेकर वित्त विभाग ने भी तैयारी शुरू कर दी है। राज्य कर्मचारी कल्याण परिषद ने भी मांगों के आधार पर सरकारी रिकॉर्ड के डाटा तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। हालांकि राज्य कर्मचारी कल्याण परिषद ने मुख्यमंत्री से बैठक की अधिकृत जानकारी कर्मचारी संगठनों को नहीं दी है।
16 सूत्रीय मांगों पर होगा फोकस
तृतीय वर्ग कर्मचारी संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष एसएस रजक ने बताया कि राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के मंत्रालय स्थित कार्यालय से दो प्रतिनिधियों के नाम मांगे हैं। उन्होंने बताया कि संयुक्त रूप से ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग प्रमुख है। इसके अलावा मंत्रालय कर्मचारियों के समान वेतन मांग, लिपिकों की वेतन विसंगति, केंद्रीय तिथि से महंगाई भत्ता, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई राहत, पदोन्नति पर लगी रोक हटाने, वाहन चालकों की भर्ती कर एवं टैक्सी प्रथा बंद करने सहित अन्य मांगों पर मुख्यमंत्री से बातचीत की जाएगी। मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष और राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त रमेशचंद्र शर्मा ने बताया कि सरकार कर्मचारियों की मांग समय-समय पर विचार मंथन करती है। कर्मचारी संगठनों से प्रतिनिधियों की सूची मांगी गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि से संवाद करेंगे। जल्द ही यह बैठक आयोजित की जाएगी।
संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण की करेंगे मांग
मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि प्रदेश में संविदा कर्मचारियों के साथ सरकार ने सौतेला व्यवहार किया है। लंबे समय से संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान वेतनमान, मंहगाई भत्ता समेत अन्य सुविधाओं की मांग संविदा कर्मचारी कर रहे हैं। इसके अलावा वरिष्ठता के आधार पर समय-मान वेतनमान, पदोन्नति, क्रमोन्नति, अनुकंपा नियुक्ति, ग्रेच्युटी पर भी मुख्यमंत्री से बातचीत की जाएगी। उन्होंने बताया कि 5 जून 2018 की संविदा नीति के तहत सातवें वेतनमान का लाभ और अन्य सुविधाएं देने की मांग भी की जा रही है।
मंत्रालय कर्मचारी संघ संयुक्त मांगों पर करेगा चर्चा
मप्र मंत्रालय कर्मचारी संघ के सुभाष वर्मा ने बताया कि मंत्रालय कर्मचारियों की बहुत अधिक मांगे नहीं है। लेकिन मांगों को लेकर कर्मचारियों से चर्चा कर प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंत्रालय कर्मचारी संघ अन्य शासकीय कर्मचारी संगठनों का समर्थन करता है। लिहाजा संयुक्त मोर्चा की मांग पर चर्चा की जाएगी।
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