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    फिर से सीएम एक्सीलेंस अवॉर्ड दे पाएंगे शिवराज!

  • July 21, 2020

    • चार साल पहले मुख्यमंत्री रहते अफसरों के नाम का किया था ऐलान
    • कमलनाथ सरकार ने बंद कर दी अवॉर्ड वितरण की प्रक्रिया

    रामेश्वर धाकड़
    भोपाल। प्रदेश का चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार के कई फैसलों को पलट दिया है, जो उन्होंने पिछले कार्यकालों में जनहित में लिए थे। इनमें से एक फैसला प्रशासन में बेहतर काम करने वाले अफसरों को दिए जाने वाला सीएम एक्सीलेंस अवॉर्ड भी है, जिसे कमलनाथ सरकार ने यह कहकर बंद कर दिया था कि इसकी कोई जरूरत नहीं है। नए सिरे से इसकी शुरूआत की जाएगी। यही वजह है कि वर्ष 2015-16 के लिए एक्सीलेंस अवॉर्ड के लिए चयनित आईएएस विवेक अग्रवाल, तेजस्वी नायक एवं संकेत भोंडवे समेत छह अफसरों एवं संस्था को यह पुरस्कार अभी तक नहीं मिल पाया है।
    शिवराज सरकार ने पिछले तीन महीने में नगरीय निकायों में महापौर एवं अध्यक्षों का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने, किसानों को यूरिया वितरण की प्रकिया में बदलाव, पंचायत चुनाव प्रणाली में बदलाव करने एवं अन्य फैसले जो कमलनाथ सरकार में लिए गए, थे उन्हें बदला है। ऐसे में अफसरों को दिए जाने वाला एक्सीलेंस अवॉर्ड को फिर से शुरू करने की मांग नौकरशाही में दबी जवान से उठ रही है, लेकिन अभी यह मामला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक नहीं पहुंचा है। हालांकि मुख्य सचिव इकबाल सिह वैंस की जानकारी में एक्सीलेंस अवॉर्ड का मामला है।

    इसलिए कर दी थी फाइल बंद
    शिवराज सरकार ने वर्ष 2015-16 में सीएम एक्सीलेंस अवॉर्ड की घोषणा तो कर दी थी, लेकिन बजट का प्रावधान नहीं था। इस अवॉर्ड के लिए 1 मार्च 2017 को विज्ञापन जारी किया गया था। अवॉर्ड के लिए ज्यादा अफसरों के नाम आए तो मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय चयन समिति का गठन किया गया। समिति ने छह अफसर व संस्था का नाम सीएम एक्सीलेंस अवॉर्ड के लिए चयन किए। समिति के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अवॉर्ड के लिए अपनी सहमति दे दी थी। उस समय अवॉर्ड के लिए बजट का प्रावधान नहीं था। तब जिसके लिए पिछले साल बजट में 18 लाख 41 हजार का प्रावधान किया गया। तब अवॉर्ड के लिए फाइल आगे बढ़ी। शासन ने पिछले साल अफसरों को अवॉर्ड देने की तैयारी भी कर ली थी। इसका प्रस्ताव भी तैयार हो गया था कि मुख्यमंत्री कमलनाथ एक समारोह में अवॉर्ड देंगे। लेकिन यह प्रस्ताव कमलनाथ सरकार मेें उच्च स्तर पर लौटा दिया था।

    विवेक अग्रवाल की वजह नही दिया अवॉर्ड!
    कमलनाथ सरकार में उच्च स्तर पर यह मामला उठा था कि शिवराज सरकार ने अपने चहेते अफसरों के नाम इस अवॉर्ड के लिए सुझाए थे। जिसमें शिवराज के प्रमुख सचिव रहे विवेक अग्रवाल (अब केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर) का नाम भी था। शिवराज सरकार में अग्रवाल ताकतवर अफसरों में शुमार थे। प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि अग्रवाल की वजह से ही मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी कमलनाथ सरकार ने एक्सीलेंस अवॉर्ड नहीं दिया था।

    इन अफसरों को मिलना था अवॉर्ड
    सीएम एक्सीलेंस अवॉर्ड की शुरूआत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2008 से की थी। इस अवॉर्ड में संस्थागत तौर पर 5 लाख, व्यक्तिगत तौर पर एक-एक लाख रुपए का इनाम मिलता है। वर्ष 2015-16 के लिए विवेक अग्रवाल (तब सीएम शिवराज के प्रमुख सचिव), तेजस्वी नायक (तब भोपाल नगर निगम आयुक्त), संजय कुमार (तब अपर आयुक्त नगर निगम भोपाल), डॉ महाराज सिंह ठाकुर (तत्कालीन विशेषज्ञ) को तीन लाख रुपए के इनाम के लिए इनाम के लिए चुना गया। इसी तरह संकेत भोंडवे (सिंहस्थ 2016 में उज्जैन कलेक्टर, अब केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर)को 75 हजार के इनाम के लिए, प्रशांत चौबे (तत्कालीन एएसपी इंदौर) को एक लाख रुपए के लिए और प्रशासन अकादमी भोपाल को पांच लाख के पुरस्कार के लिए चुना गया।

    सीएस ने नहीं दिया कोई जवाब
    प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि सीएम एक्सीलेंस अवॉर्ड कमलनाथ सरकार ने बंद करने का फैसला लिया था, तब मुख्य सचिव एसआर मोहंती थे। प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग से मुख्य सचिव फिर सीएम तक पहुंचा था। बाद में सामान्य प्रशासन विभाग ने एक कमेटी की सिफारिश पर एक्सीलेंस अवॉर्ड को बंद कर दिया। यह मामला वर्तमान मुख्य सचिव इकबाल सिंह वैंस की जानकारी में है। इस संबंध में उन्होंने किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी है।

    इस तरह के अवॉर्ड से अफसरों को प्रोत्साहन मिलता है। यह अवॉर्ड मिलना ही चाहिए। इस संबंध में मैं व्यक्तिगत तौर पर मुख्यमंत्री से चर्चा कर फिर से अवॉर्ड शुरू करने की बात रखूंगा।
    विश्वास सारंग, मंत्री, चिकित्सा शिक्षा

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