विदिशा: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) आज विदिशा संसदीय (Vidisha Parliamentary) के गंजबासौदा दौरे पर हैं. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने गंजबासौदा (Ganjbasoda) पहुंचने के लिए लोकल ट्रेन का सहारा लिया, इस दौरान उनकी पत्नी साधना सिंह चौहान (Sadhna Singh Chauhan) भी साथ रही. भोपाल से गंजबासौदा के हर स्टेशन पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने शिवराज सिंह चौहान का भव्य स्वागत किया, यहां तक की चुनाव लड़ने के लिए लाड़ली बहनों ने सामर्थ्य अनुसार पैसे भी दिए.
ट्रेन में सफर के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पराजय के भय से कोई लड़ने को तैयार नहीं है. मैं लोकतंत्र में इसे ठीक नहीं मानता कि एक पार्टी की ऐसी आदत हो जाए कि लोग चुनाव लड़ने को ही तैयार नहीं है, लेकिन ऐसी स्थिति है. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं पांव-पांव वाला भी हूं, साइकिल वाला भी हूं, पैसेंजर वाला भी हूं. जहां जनता होती है वहां मामा होता है.
लोकसभा चुनाव के लिए विदिशा संसदीय सीट शिवराज सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया है. नाम की घोषणा होने के बाद से ही वे अब तक विदिशा संसदीय सीट की आधी से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचकर प्रचार प्रसार कर चुके हैं. जब उनसे पूछा गया कि कार्यकर्ता आपकी जीत सुनिश्चित मान रहे हैं, फिर आप मेहनत कर रहे हैं, जिसके जवाब में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मेहनत तो करनी ही पड़ती है. मैं राजनीतिक पद के लालच में नहीं करता हूं, अपनों से मिलने के लिए करता हूं, यह तो मेरा अपना परिवार है.
विदिशा संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मन आनंद से भरा हुआ है. आज गंजबासौदा जा रहा हूं, मेरी कर्मभूमि है और जनता से मेरा परिवार का रिश्ता है आज एक बार फिर सबसे मिलूंगा. चुनौती नहीं है मेरा तो प्रदेश की जनता से दिलों का रिश्ता है, इसलिए क्षेत्र कोई भी हो नए क्षेत्र भी जुड़े है तो कोई अंतर नहीं पड़ता, जनता का प्रेम, स्नेह और विश्वास मिलता है, क्योंकि मेरी जिंदगी ही जनता की सेवा के लिए है.
जब शिवराज सिंह चौहान से सवाल किया गया कि दिल्ली जाने के बाद क्या एमपी भूल जाएंगे, जिस पर उन्होंने कहा कि क्षेत्र तो यही रहेगा, जनता नहीं छूटी है, यहीं रहेंगे, हम लोग मिशनरी कार्यकर्ता हैं. भारतीय जनता पार्टी एक मिशन है राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का और हम लोगों ने तय किया है कि देश के लिए काम करेंगे, अपनी जनता के लिए काम करेंगे, लेकिन जब आप किसी मिशन के लिए काम करते हैं. बड़े उद्देश्य के लिए काम करते हैं तो आप खुद तय नहीं करते हैं कि आप कहां काम करेंगे, मिशन जो उपयुक्त समझता है वह काम आपको सौंपता है. विधायक बनाया तो विधायक रहकर जनता की सेवा की, सांसद रहे फिर मुख्यमंत्री बने तो 18 साल दिन और रात जनता की सेवा की. अब फिर पार्टी ने कहा कि सांसद की भूमिका में लड़ना है तो सांसद के रूप में काम करेंगे.
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