भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गौवंश संरक्षण के अधिकाधिक प्रयास होंगे। मध्यप्रदेश ने गौ अभ्यारण बनाकर देश में अनूठी पहल की है। प्रदेश में निरंतर गौशालाएं बन रही हैं। गौरक्षा के लिए अन्य क्या कदम आवश्यक हैं, इसकी भी समीक्षा कर नए कदम लागू किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आगर-मालवा का गौ अभ्यारण, गौवंश संरक्षण का मॉडल बनेगा। सरकार और समाज मिलकर गौवंश संरक्षण का कार्य करें, यह सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दिन आमजन पर्यावरण बचाने का भी संकल्प लें। कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष के दिन के आठवें दिन गोपाष्टमी पर्व की परंपरा है। उन्होंने कहा कि इस बार वे गौ अभ्यारण में गायों की पूजा का गोपाष्टमी पर्व मनाएंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने रविवार को परिवार के साथ गोवर्धन पूजा के अवसर पर निवास में पूजा अर्चना के साथ मुख्यमंत्री निवास की गौशाला में इसी सप्ताह जन्मी दो बछियों-अष्टमी और धनवंतरी के साथ स्नेह दुलार किया और उन्हें आहार भी खिलाया। मुख्यमंत्री ने गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा कर पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी साधना सिंह और परिजन उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री चौहान ने इस अवसर पर कहा कि आज गोवर्धन पूजा आनंद का अवसर है। दरअसल यह प्रकृति और पर्यावरण की पूजा है। गोवर्धन पूजा का दिन पर्यावरण बचाने का संदेश देता है। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा सर्वकल्याण के भाव से अपनी कनिष्ठिका पर गोवर्धन पर्वत को उठाया गया था। उन्होंने ब्रजवासियों से कहा था कि वे प्रतिवर्ष गोवर्धन पूजा कर अन्नकूट का पर्व मनाएं। तब से यह परंपरा चल रही है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस पर्व का आज भी महत्व है। यह पर्व प्रासंगिक है, युवा पीढ़ी को प्रकृति के महत्व से अवगत करवाने वाला पर्व है। बिना वृक्षों और पशुओं के मनुष्य के जीवन का भी अर्थ नहीं है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गौमाता अद्भुत है। गाय के दूध से और गोमूत्र से अनेक औषधियां निर्मित होती हैं। गौवंश की पूजा से संतोष मिलता है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गाय और बछियों के निश्चल, निष्कपट और निस्पृह: प्रेम से आज अभिभूत हुआ हूँ और इन बछियों के स्नेह से अपार आनंद की अनुभूति हुई है।(हि.स.)