भोपाल। प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव का घमासान शुरू हो गया है। आगामी विधानसभा उपचुनावों की भले ही अभी घोषणा नहीं हुई हो, लेकिन ग्वालियर प्रदेश की राजनीति का रणक्षेत्र बन गया है। दरअसल भाजपा की सिंधिया को ग्वालियर-चंबल अंचल में चेहरा बनाकर चुनाव लडऩे की रणनीति है। इसी रणनीति के तहत महा सदस्यता अभियान के बहाने भाजपा ने ग्वालियर चंबल अंचल में उपचुनावों की अनौपचारिक शुरूआत की तो वहीं कांग्रेस ने रणनीति के तहत सिंधिया को निशाने पर लेना शुरू कर दिया।
मुरैना संसदीय क्षेत्र के संभावित उम्मीदवारों से ग्वालियर के सिटी सेंटर स्थित होटल में सीएम शिवराज सिंह चौहान,केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने बैठक में वन-टू-वन बात की। उम्मीदवारों से पूछा कांग्रेस किसे उनके सामने उतर सकती है। किन-किन विधानसभा क्षेत्रों में क्या काम होने हैं। आचार संहिता से पहले स्वीकृत कराकर कार्य चालू करो दो। इसके अलावा समवंय समिति की बैठक हुई कि नहीं। मतदान केंद्रों पर क्या तैयारी हैं। बैठक देर रात तक चली। उम्मीदवारों ने भितराघात की आशंका जताई है। इसके अलावा किन-किन भाजपा नेताओं की प्रचार की आवश्यकता है। उसकी सूची बनाकर प्रदेश कार्यालय को भेज दें। ताकि उनका कार्यक्रम तय किया जा सके।
भाजपा में चिंता, सिंधिया के बचाव में उतरे शिवराज
ग्वालियर में सिंधिया का विरोध देख भाजपा के रणनीतिकारों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं। यही वजह रही कि सिंधिया को गद्दार कहे जाने पर मुख्यमंत्री शिवराज ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कांग्रेस से सवाल पूछा कि सिद्घांतों के लिए पार्टी छोडऩा गद्दारी है तो क्या मोतीलाल नेहरू, शरद पवार, बीजू पटनायक, ममता बनर्जी, मोरारजी देसाई भी गद्दार थे। शिवराज कांग्रेस शासन काल में भ्रष्टाचार और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की अनदेखी को अपने भाषणों में प्रमुखता से उठा रहे हैं।
ग्वालियर बना सियासत का रण क्षेत्र
उपचुनाव को देखते हुए ग्वालियर सियासत का रण बन गया है। कमल नाथ सरकार गिराकर पहली बार ग्वालियर आए राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर भाजपा की योजना है कि उन्हें ग्वालियर चंबल में चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा जाए। भाजपा की रणनीति को भांपकर कांग्रेस ने सिंधिया को ही निशाने पर ले लिया। शनिवार को विरोध प्रदर्शन के बाद पार्टी ने रविवार को सिंधिया के धुर विरोधी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को ग्वालियर भेजा। यहां दिग्विजय सिंह ने न सिर्फ सिंधिया के एक दिन पहले दिए गए भाषण का काउंटर किया बल्कि उनके खिलाफ वीरांगना लक्ष्मीबाई की समाधि पर पार्टी के धरने में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने सिंधिया के पुराने वीडियो दिखाते हुआ कहा- पार्टी ने सिंधिया को क्या कुछ नहीं दिया। इधर, पूर्व मंत्री और लहार विधायक गोविंद सिंह का बयान आया कि भाजपा का सदस्यता अभियान फर्जी है। सिंधिया के साथ उनके गुलाम पहले ही जा चुके हैं। कांग्रेस इन लोगों को पार्टी से निकाल भी चुकी है। अब तक अंचल में कमजोर मानी जा रही कांग्रेस ने विरोध के केंद्र में सिंधिया को रखकर साफ कर दिया है कि वह इतनी जल्दी हार मानने वाली नहीं है।
मैंने 11 दिन के वादे का 11 महीने इंतजार किया फिर फैसला लिया:सिंधिया
भाजपा में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पहली बार कांग्रेस के खिलाफ आक्रामक हमला बोला। ग्वालियर-चंबल दौरे के दूसरे दिन फिजिकल कॉलेज सभागार, ग्वालियर से भाजपा सदस्यता ग्रहण समारोह को संबोधित करते हुए सिंधिया ने कमलनाथ-दिग्विजय सिंह पर खुलकर हमला बोला। इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी के उस भाषण को भी याद दिलाया जिसमें राहुल गांधी ने कहा था कि 10 दिनों में किसानों का कर्ज माफ कर देंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग कहते हैं मैंने लोकतंत्र को धोखा दिया। अगर जनता की सेवा करना धोखा देना है तो हा मैंनें धोखा दिया। लेकिन मैंने इनके 11 दिन के वादे का 11 महीने इंतजार किया लेकिन कांग्रेस ने किसानों की कर्जमाफी को लेकर कोई काम नहीं किया। सिंधिया ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि मंदसौर, नीमच की रैली में वादा किया गया था कि 10 दिन में किसानों का कर्ज माफ कर दूंगा और किसानों का कर्जमाफ नहीं किया गया तो 11वें दिन मुख्यमंत्री बदल दूंगा। लेकिन 11 महीने तक किसानों के 2 लाख तक का कर्ज माफ नहीं हुआ।
11 महीने बाद सड़क पर उतरने की थी बात
सिंधिया ने कहा कि मैं इन लोगों से लगातार ये अपील कर रहा था कि जनता से किए गए वादों को पूरा करिए लेकिन जब 11 महीने तक सरकार ने कोई काम नहीं किया तो मैंने सड़कों पर उतरने की बात की। सिंधिया ने कहा कि कन्यादान की राशि शिवराज सरकार में 21 हजार थी जिसे बढ़ाकर कमलनाथ ने 51 हजार किया लेकिन शादी के 1 साल बीते जाने के बाद भी 51 हजार रूपए की राशि इन्हें नहीं मिली।
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