भोपाल। प्रदेश में कोरेाना संकट के चलते आईफा अवॉर्ड का कार्यक्रम निरस्त हो गया था। लेकिन छह महीने बाद अब आईफा उपचुनाव में मुद्दा बन गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मप्र में आईफा का आयेाजन कराने से दो टूक इंकार कर दिया है। साथ ही उन्होंने आईफा के नाम पर पूर्व की सरकार पर उद्योगपतियों से चंदा वसूलने के आरोप लगाए हैं। शिवराज ने आईफा को तमाश करार दिया है। जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि जिन्होंंने 15 साल तक प्रदेश में तमाशा किया, वे आईफा को तमाशा बता रहे हैं। कमलनाथ ने शिवराज पर झूठ बोलने और झूठ फैलाने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुझे तो पता चला है कि आईफा आयोजन के नाम पर कई उद्योगपतियों से राशि वसूली गई। आईफा के नाम पर चार करोड़ रुपए ले लिए गए, यह सब ठीक नहीं है। कोरोना संकटकाल में इस तरह के आयोजन तर्कसंगत नहीं हैं। इस समय लोग संकट में प्रदेश में कोरोना फैला हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि क्या तमाशा है क्या नहीं, यह जनता तय करती है। शिवराज यह तय करने वाले कौन होते हैं। जिन्होंने 15 वर्ष सिर्फ तमाशा किया वो आईफा के आयोजन को तमाशा बता रहे हैं। शिवराज कभी कहते हैं कि आईफा के लिए हमारी सरकार ने बजट का आवंटन किया, जबकि आईफा के लिए एक रुपए का भी बजट में कोई प्रावधान नहीं किया। शिवराज के राज में प्रदेश की पहचान माफियाओ से थी, मिलावट खोरो से थी। उनको तो ऐसे आयोजन तमाशे ही लगेंगे।
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