जबलपुर: मध्य प्रदेश में नई सरकार चुनने के लिए 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल दिन की चार रैलियों के लिए रवाना होने के लिए जबलपुर में अपने आवास पर तैयार हो रहे हैं. प्रह्लाद सिंह पटेल की विशाल उपस्थिति- जिनकी ऊंचाई छह फीट से अधिक है – मध्य प्रदेश के इस हिस्से में उनके लंबे कद की याद दिलाती है.
प्रह्लाद पटेल अपनी रैलियों के लिए जबलपुर हवाई अड्डे से बताते हैं, “बीजेपी को मध्य प्रदेश में सीएम चेहरे को लेकर कोई दुविधा नहीं होगी. बीजेपी में मुख्यमंत्री पद को लेकर कभी झगड़ा नहीं होगा. यह सब सहज रूप में हो जाएगा. मैं आपसे आग्रह करूंगा कि अटकलें न लगाएं और 3 दिसंबर का इंतजार करें.”
प्रह्लाद पटेल भी हैं सीएम पद के दावेदार
प्रह्लाद पटेल एक ओबीसी नेता हैं और मध्य प्रदेश में भाजपा के पिछले तीन मुख्यमंत्री सभी ओबीसी रहे हैं – उमा भारती, बाबू लाल गौर और शिवराज सिंह चौहान. अगर उनकी पार्टी इस साल फिर से मध्य प्रदेश में जीतती है तो इससे मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए प्रह्लाद पटेल की दावेदारी मजबूत हो जाती है. हालांकि, प्रह्लाद पटेल ने खुद के लिए बल्लेबाजी करने से इनकार कर दिया. इसके बजाय उन्होंने शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा की.उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए गर्व का क्षण है कि हमने मध्य प्रदेश में इतने सारे ओबीसी सीएम दिए हैं. हमारी पूरी टीम में शिवराज सिंह चौहान मप्र में जनता के बीच सबसे लोकप्रिय नेता हैं. उनके सीएम बनने में कोई विवाद नहीं है.”
थके हुए नेता हैं कमल नाथ
प्रह्लाद पटेल कांग्रेस नेता कमल नाथ और दिग्विजय सिंह के कटु आलोचक हैं. उन्होंने कहा, ”कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दोनों राज्य की राजनीति के थके हुए चेहरे हैं. कमल नाथ एक किमी भी पैदल नहीं चल सकते, एक दिन में पांच सभाएं नहीं कर सकते. वह थके हुए नेता हैं. वह छह साल तक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे लेकिन किसी जिले में एक भी बैठक नहीं ली. उनका ट्रैक रिकॉर्ड ख़राब है. उन्होंने छिंदवाड़ा के किसी भी ग्रामीण इलाके का दौरा नहीं किया है. हालांकि लोगों ने उन्हें 42 वर्षों तक वोट दिया है. छिंदवाड़ा में कोई नहीं कहेगा कि कमल नाथ उनके घर आए थे. वह अहंकारी और दागी हैं. राज्य की जनता ने उन्हें नकार दिया है. कमल नाथ ठगराज (धोखाधड़ी) हैं.”
कमलनाथ- दिग्विजय एक दूसरे को नहीं सुहाते
प्रह्लाद पटेल का कहना है कि कमलनाथ ने पहले कहा था कि भाजपा के अंदर लड़ाई है. लेकिन हम सभी ने देखा कि टिकटों की घोषणा होते ही कांग्रेस में कपड़े कैसे फाड़े जाने लगे. कमल नाथ और दिग्विजय सिंह के बीच लड़ाई साफ जाहिर है, यह बात सामने आ गई है. कमल नाथ ने कहा था कि वे महीनों पहले उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे, लेकिन हमने देखा कि क्या हुआ.
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