24 घंटे में हालांकि घटकर फिर 2 मरीज रह गए… मगर कंटेन्मेंट झोन बनाने से लेकर घर-घर सैम्पल लेने की तैयारी
इंदौर। दूसरी लहर (Second wave) का डर शासन-प्रशासन को इस कदर है कि 24 घंटे पहले इंदौर में मात्र 7 कोरोना पॉजिटिव (Corona positive) 9 हजार से अधिक सैम्पलों की जांच में पाए गए, उसी से मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) टेंशन में आ गए और उन्होंने बकायदा इस संबंध में ट्वीट भी कर दिया, जिसमें प्रशासन (Administration) को सतर्क रहने के निर्देश देने और नागरिकों से अनुरोध किया कि जरा भी असावधानी ना बरतें अन्यथा परिस्थितियों को बदलने में देर नहीं लगेगी। लिहाजा सजग रहते हुए कोरोना गाइडलाइन (Corona Guidelines) का पालन करते रहे। मुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद प्रशासन भी हड़बड़ाया और ताबड़त जो कोरोना मरीज मिले थे उनके घरों तक टीमें भेज दी गई।
अप्रैल और मई में कोरोना की दूसरी लहर (Second wave) ने पूरे देश में कोहराम मचाया और बड़ी संख्या में मरीजों की मौतें भी हुई। इंदौर में ही उस दौरान औसतन 2 हजार मरीज हर 24 घंटे में मिल रहे थे जो अब घटकर मात्र एक या दो पर आ गए हैं। बीते कई दिनों से यही ट्रेंड चलता रहा, मगर परसों दो की बजाय 7 मरीज हो गए, जिसके चलते शिवराज ने ट्वीट कर दिया और कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) से लेकर पूरा स्वास्थ्य विभाग का अमला हरकत में आ गया। जो 7 मरीज मिले उनकी ढुंढाई शुरू हुई तो पता चला कि सिर्फ एक को ही अस्पताल (Hospital) में भर्ती करने की जरूरत रही, लेकिन कुछ अधिकारियों ने तो माइक्रो कन्टेन्मेंट (Micro Containment) झोन बनाने की तैयारी से लेकर बैरिकेटिंग भी कर डाली। हालांकि मुख्यमंत्री के इस ट्वीट पर कई लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया भी जाहिर की और कहा कि डराने की जरूरत नहीं है। थोड़े मरीज तो अनलॉक के बाद बढ़ेंगे ही। बजाय इसके मुख्यमंत्री जल्द से जल्द शत-प्रतिशत आबादी का वैक्सीनेशन (Vaccination) करवाएं। अभी हालांकि हर क्षेत्र में एक-एक मरीज ही मिल रहे हैं और किसी भी क्षेत्र में एकाएक मरीजों की संख्या नहीं बढ़ी है और कल रात जारी मेडिकल बुलेटिन (Medical Bulletin) में ही नए मरीजों की संख्या घटकर फिर दो पर आ भी गई। मगर मुख्यमंत्री के ट्वीट ने सभी को हैरत में भी डाल दिया। 9398 सैम्पलों की जांच में 9203 नेगेटिव और मात्र दो ही पॉजिटिव मिले, जबकि पिछले एक महीने से कोरोना के चलते कोई मौत नहीं हुई और कुल मरने वालों का आंकड़ा भी 1391 पर ही टिका हुआ है। वहीं फिलहाल मात्र 32 कोरोना मरीज पूरे जिले में उपचाररत हैं और औसतन 9 से 10 हजार सैम्पलों की जांच की जा रही है। तीसरी लहर से निपटने की इंदौर में भी व्यापक तैयारी हो गई है। सभी बड़े निजी अस्पतालों और सरकारी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने से लेकर इंजेक्शनों का भंडारण कर लिया है और जो मरीज अभी मिल रहे हैं उनकी कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग करवाने के साथ-साथ आसपास के सभी घरों की सैम्पलिंग भी करवाई जा रही है। दरअसल, केरल में बड़ी संख्या में कोरोना मरीज मिल रहे हैं और इंदौर में भी अनलॉक के बाद लोगों की लापरवाही बढ़ गई। अब कई लोग बिना मास्क के नजर आने लगे, लिहाजा उन पर भी अब सख्ती शुरू की जाएगी।
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