भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के 23 मार्च को तीन साल पूरे हो जाएंगे। इस मौके पर सरकार अपने 3 साल का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने पेश करेगी। सरकार के किए कामकाज को जनता के सामने रिपोर्ट कार्ड के जरिए रखा जाएगा। कोरोना संकट से निपटने, अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और विकास कार्यों की जानकारी दी जाएगी। कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने रिपोर्ट कार्ड को चुनावी कार्ड बताया है। जिस पर भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने पलटवार किया है।
23 मार्च को जनता के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड रखने से पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सभी कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि जितनी भी घोषणा है, उन सबको जी जान से लगाकर पूरा करें। जिले में अफसरों की कोर ग्रुप बनेगी। हर जिले में प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, डीएफओ और वक्र्स डिपार्टमेंट अधिकारियों के ग्रुप बनेंगे। योजनाओं का बेहतर तरीके से क्रियान्वयन को लेकर काम किया जाएगा।
रिपोर्ट कार्ड पर सियासत
कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने सरकार के रिपोर्ट कार्ड को चुनावी कार्ड बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा अपना रिपोर्ट कार्ड आरटीओ दफ्तर में जहां बैठते हैं, वहीं पर रखें। 8-9 महीने ही बाकी है। इनकी रिपोर्ट कार्ड का फैसला नवंबर 2023 में मध्य प्रदेश की जनता करेगी। वो फैसला क्या होगा वो जनता मन बना चुकी है। यही कारण है जल बिन मछली की तरह पूरी सरकार तड़प रही है। इनका रिपोर्ट का जन अदालत में आएगा। भ्रष्टाचार की बुनियाद पर पूरी सरकार टिकी हुई है। नौकरशाह, माफियाओं और नेताओं का गठबंधन इस प्रदेश के लिए बना। उसे अपराधिक चेहरे को कैसे बचाया जाए। इसीलिए ये रिपोर्ट कार्ड आ रहा है। शिवराज सरकार के रिपोर्ट कार्ड और कांग्रेस के हमले को लेकर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि कम से कम हमने काम किया है। इसलिए रिपोर्ट कार्ड रख रहे हैं। 5 तारीख से हमारी विकास यात्रा प्रारंभ हो रही है। वो भी एक प्रकार का रिपोर्ट कार्ड है। अगर वो रखेंगे, तो उसमें सबके सामने सच होगा। इसमें क्या संदेह है 2003 के मध्य प्रदेश को और 2023 के मध्य प्रदेश को देखें। अगर भाजपा की सरकार नहीं होती तो कैसे विकसित स्वरूप मध्य प्रदेश का होता। जिसने बहुत सारे काम किए हो वही रिपोर्ट कार्ड रख सकता है। जनता इसका चुनाव में फैसला करेगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved