– जीएस वाधवा
भारत में जनसंख्या के आधार पर मध्यप्रदेश में सबसे अधिक जनजातीय भाई-बहन निवास करते हैं। प्रदेश का हर पांचवां व्यक्ति जनजातीय वर्ग का है। लगभग डेढ़ करोड़ आबादी वाले इस वर्ग को समाज की मुख्य-धारा से जोड़ने के लिए प्रदेश सरकार ने विकास का समग्र एक्शन प्लान बनाकर अनेक योजनाओं को लागू कर उन्हें प्रभावी मूर्तरूप भी दिया है। चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या रोजगार, स्व-रोजगार, स्वास्थ्य, पेयजल, आवास या उनके अधिकारों का संरक्षण, सब दृष्टि से मध्यप्रदेश में व्यापक पैमाने पर कार्य किए जा रहे हैं। जनजातीय वर्ग को मिलने वाले राशन के लिए राज्य सरकार द्वारा अनूठी योजना “राशन आपके द्वार” भी शुरू की जा रही है। योजना का शुभांरभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 नवम्बर को भोपाल के जम्बूरी मैदान से करेंगे।
जनजातीय महानायक मध्यप्रदेश के गौरव
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मानना है कि प्रदेश का जनजातीय वर्ग मेहनती और कर्त्तव्यनिष्ठ है। वर्षों से वन क्षेत्रों में रह कर इन्होंने वन और वन्य-प्राणियों का संरक्षण करते हुए अपना जीवन बिताया है। वनों में रह कर जीवन-यापन करने वाले हमारे जनजातीय भाई-बहन अपने अधिकारों की चिन्ता न करते हुए वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कार्य कर रहे हैं। राज्य सरकार उन्हें उनके अधिकार दिलाएगी। जनजातीय समाज में बिरसा मुंडा जैसे अनेक महानायकों ने भी जन्म लिया और भारत की आजादी के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। ऐसे जनजातीय महानायकों से हमारा मध्यप्रदेश गौरव महसूस करता है। महानायक बिरसा मुण्डा की जयंती – 15 नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आतिथ्य में मध्यप्रदेश सरकार “जनजातीय गौरव दिवस” समारोहपूर्वक मनाने जा रही है।
प्रतियोगी प्रतियोगिताओं के लिए स्मार्ट क्लासेज
प्रदेश में जनजातीय समाज के समग्र विकास की अवधारणा के साथ मुख्यमंत्री चौहान ने जो फैसले लिए हैं, उसके सुखद परिणामों से जनजातीय वर्ग न केवल आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि अपने अधिकारों के प्रति सजग होकर विकास की मुख्य-धारा से भी जुड़ सकेगा। जनजातीय समाज में शिक्षा का विस्तार करने के उद्देश्य से जनजाति के बेटे-बेटियों को 8वीं, 9वीं कक्षा से ही नीट और जेईई मेंस की परीक्षा की तैयारी कराने की व्यवस्था की गई है। साथ ही स्मार्ट क्लासेज का संचालन भी किया जायेगा। नीट और जेईई में सफल जनजातीय विद्यार्थियों की पूरी फीस भी सरकार भरेगी।
सामुदायिक वन प्रबंधन का अधिकार
जनजातीय वर्ग के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री चौहान ने हाल ही में निर्णय लिया है कि सामुदायिक वन प्रबंधन का अधिकार जनजाति समाज को दिया जायेगा। पायलेट प्रोजेक्ट के अंतर्गत तेंदूपत्ता बेचने का कार्य ग्राम वन समिति/ग्राम सभा को प्रदान किया जायेगा। वनोपज से बांस-बल्ली और जलाऊ लकड़ी पर वन समिति का ही अधिकार होगा। समिति उसको बेचकर आय कमा सकेगी। कटाई से जो इमारती लकड़ी प्राप्त होगी, उसका भी एक अंश समिति को जाएगा। देवारण्य योजना में वनोत्पाद और वन औषधि को बढ़ावा देने और इनके अंतर्गत वन उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जायेगा। साथ ही मध्यप्रदेश औषधीय पादप बोर्ड का गठन किया जायेगा। मध्यप्रदेश सरकार जनजातीय भाई-बहनों के संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण की एक अहम पहल के अंतर्गत पेसा एक्ट को भी चरणबद्ध तरीके से लागू करने जा रही है।
रोजगार और स्व-रोजगार
जनजातीय समाज के युवाओं को रोजगार और स्व-रोजगार उपलब्ध कराने के लिए भी अहम पहल की गई है। मुख्यमंत्री चौहान का मानना है कि जनजाति के युवाओं को यदि रोजगार के अवसर दिए जाए तो वे अपनी कड़ी मेहनत और ईमानदारी से समाज का परिदृश्य बदल सकते हैं। मुख्यमंत्री ने फैसला किया है कि प्रत्येक जनजाति बहुल गांव में 4 युवाओं को ग्रामीण इंजीनियर के रूप में प्रशिक्षित किया जायेगा। जनजातीय भाई-बहनों को पुलिस एवं सेना में भर्ती के लिए ट्रेनिंग दिलाई जायेगी। आगामी एक वर्ष में विभिन्न शासकीय विभागों में बैकलॉग के रिक्त पदों की पूर्ति का अभियान चलाया जाएगा। साथ ही स्व-रोजगार के लिए मछली पालन, मुर्गी पालन और बकरी पालन के लिए एकीकृत योजना भी बनाई जाएगी।
सिकल सेल मिशन शुरू रहेगा
जनजातीय वर्ग को सिकल सेल एनीमिया बीमारी से निजात दिलाने के लिए भी राज्य सरकार ने कमर कस ली है। आगामी 15 नवंबर से मध्यप्रदेश राज्य सिकेल सेल मिशन प्रारंभ किया जा रहा है। मिशन का शुभांरभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम में करेंगे। मिशन में पात्र मरीजों का निःशुल्क उपचार किया जायेगा। इसके अलावा शुद्ध पेयजल की उपलब्धता के लिए जल जीवन मिशन के जरिये प्रत्येक जनजातीय ग्राम में पानी की टंकी का निर्माण एवं पाइप लाईन बिछा कर घर-घर नल कनेक्शन दिए जाएंगे।
राशन आपके ग्राम
जनजातीय वर्ग के प्रति अति संवेदनशील मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के 89 जनजातीय बहुल विकासखण्डों में घर-घर राशन पहुँचाने के लिए “राशन आपके ग्राम” जैसी अनूठी योजना इजाद की है। इस योजना में जनजातीय भाई-बहनों को राशन लेने दूर नहीं जाना पड़े और न ही राशन दुकानों के चक्कर लगाना पड़ें, इस उद्देश्य से हितग्राहियों के गाँव तक वाहन के माध्यम से राशन उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही स्थानीय जनजातीय युवाओं को राशन वितरण के रोजगार से जोड़ने के लिए, राज्य शासन की गारंटी पर बैंक से वाहन ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। ऐसे प्रत्येक जनजातीय युवा को वाहन से राशन पहुँचाने के लिए प्रति माह 26 हजार रूपये दिये जाएंगे।
प्रदेश के ऐसे जिलों, जहाँ जनजातीय महा नायकों की कर्म-स्थली रही है, में राज्य सरकार ने बड़े शासकीय संस्थानों का नाम जनजातीय महानायकों के नाम पर रखने की शुरूआत कर दी है। छिन्दवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय किया गया है। हम कह सकते हैं कि मध्यप्रदेश की सरकार और उसके मुखिया चौहान ने अपने कार्यकाल में जनजातीय वर्ग के लिए जो भी किया है और कर रहे हैं वह जनजातीय वर्ग के सर्वांगीण विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
(लेखक, मध्य प्रदेश शासन में जनसम्पर्क अधिकारी हैं।)
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