जबलपुर। मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव (Panchayat elections in Madhya Pradesh) को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गई है। इस बार प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ एप्लीकेशन फॉर रीकॉल (Application for recall) का आवेदन दिया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई कर सकता है। प्रदेश सरकार (state government) का यह रुख निर्वाचन आयोग को लिखे पत्र के बाद स्पष्ट हुआ। इसमें सरकार ने निर्वाचन आयोग से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तक प्रतीक्षा करने की अपील की है।
निर्वाचन आयोग ने प्रदेश सरकार को रिमाइंडर लेटर (reminder letter) लिखा था। जिसमे आयोग ने सरकार से कहा था कि 3 दिन की मियाद देने के बावजूद भी मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव से जुड़ी ओबीसी सीटों (OBC seats) को सामान्य नहीं किया गया। ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है। निर्वाचन आयोग ने सरकार को जल्द अधिसूचना जारी कर सूचित करने का आग्रह किया था।
निर्वाचन आयोग (Election Commission) के रिमाइंडर लेटर के बाद सरकार ने भी देर शाम पत्र जारी करते हुए अपनी मंशा स्पष्ट कर दी। प्रदेश में ओबीसी (OBC) के लिए आरक्षित 70 हजार पदों को छोड़कर शेष बची एससी, एसटी और सामान्य (SC, ST and General) वर्ग की 3 लाख 25 हजार सीटों पर निर्धारित कार्यक्रम के तहत चुनाव होने हैं। 6 जनवरी को पहला चरण, 28 जनवरी को दूसरा चरण और 16 फरवरी को तीसरे चरण के लिए मतदान होना है।
वोटों की गिनती 23 फरवरी को होगी, लेकिन चुनाव परिणाम घोषित (election results declared) नहीं होंगे। जब तक ओबीसी के पदों को सामान्य घोषित करने के बाद चुनाव नहीं हो जाते तब तक परिणाम पर रोक बरकरार रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परिपालन में आयोग ने एक और आदेश निकालते हुए कहा कि जो उम्मीदवार निर्विरोध जीतेंगे उनका भी रिजल्ट रोका जाएगा। सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने सदन में बड़ा ऐलान किया है। शिवराज ने कहा- मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण के साथ होगा। OBC आरक्षण के मसले पर मध्य प्रदेश की राजनीति गर्मायी हुई है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved