भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) के निर्देशानुसार प्रदेश को नशा मुक्त (drug free state) बनाने के लिये चौतरफा कार्रवाई की जा रही है. नशा मुक्ति अभियान (drug de-addiction campaign) को प्रदेश में सघनता से चलाया जा रहा है. शिवराज सरकार (Shivraj government) हुक्का बार और लाउंज के खिलाफ कानून (law) लाने पर विचार कर रही है. प्रदेश में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 पहले से मौजूद है, जिसके तहत तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन, व्यापार, वाणिज्यिक उत्पादन, आपूर्ति और वितरण पर रोक है. अब सरकार इसी कानून में संशोधन करने जा रही है.
संशोधन के तहत सरकार इस कानून में हुक्का बार और लाउंज को भी प्रतिबंधित करेगी. कानून बनने के बाद हुक्का बार और लाउंज का संचालन करने वालों के खिलाफ न्यूनतम 50 हजार रुपए और अधिकतम एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. साथ ही न्यूनतम एक साल और अधिकतम 3 साल की सजा का प्रावधान किया जाएगा. वर्तमान में हुक्का बार और लाउंज के खिलाफ कार्रवाई के लिए आईपीसी की धारा 144 के तहत ही कार्रवाई की जाती है.
वहीं नए कानून पर विपक्ष ने एतराज जताया है. कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि चुनाव आने वाले हैं और सरकार, विपक्ष को टारगेट करने के लिए इस कानून को ला रही है ताकि विपक्षी नेताओं को टारगेट किया जा सके. केके मिश्रा ने कहा कि कितने कानून बेफिजूल के हैं. इनसे विपक्ष को टारगेट किया जाता है. उन्होंने आरोप लगाया कि इतने साल हुक्का कौन चलवा रहा था सरकार बताए. जनता को गुमराह करने के लिए कानून बन रहे हैं. जो कानून हैं वो कार्रवाई के लिए पर्याप्त हैं.
मध्य प्रदेश में सरकार ने इन दिनों अवैध शराब के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. यही वजह है कि नशा मुक्ति अभियान के तहत राज्य में अब तक 97 हजार 655 लीटर अवैध शराब जब्त की गई है. साथ ही इस दौरान 13 हजार 237 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. नशे के अवैध धंधे के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही सरकार नशा मुक्ति के लिए जागरुकता अभियान भी चला रही है ताकि लोगों को नशे से होने वाले नुकसानों के प्रति जागरुक किया जा सके.
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