भोपाल: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव (assembly elections) से पहले राज्य सरकार (state government) ने रोजगार सहायकों (employment assistants) को बड़ी खुशखबरी दी है. रोजगार सहायकों के सम्मेलन (employment assistants conference) के दौरान सीएम शिवराज ने चुनावी साल में उन्हें कई तरह के लाभ देने की अहम घोषणाएं कीं. जिसमें सबसे खास घोषणा, रोजगार सहायकों का मानदेय दोगुना कर 9000 से बढ़ाकर 18000 करने की है. साथ ही सीएम शिवराज ने ऐलान किया कि अब उनकी सेवाएं मनमाने ढंग से समाप्त नहीं की जाएंगी. गौरतलब है कि राज्य की बीजेपी सरकार चुनावी साल को देखते हुए कर्मचारियों को साधने में लगी हुई है. इसी क्रम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के बाद प्रदेश के रोजगार सहायकों का एक बड़ा सम्मेलन बुधवार को राजधानी भोपाल में आयोजित किया गया. जिसमें प्रदेश भर से 20 हजार से अधिक रोजगार सहायक आये.
रोजगार सहायकों के सम्मेलन में सीएम शिवराज का इस बात पर जोर है कि रोजगार सहायकों द्वारा की गई गलतियों से निष्पक्ष प्रक्रिया सुनिश्चित करते हुए उचित निपटारा किया जाना चाहिए. सीएम ने कहा कि उचित प्रक्रियाओं के बिना सेवाएं समाप्त नहीं की जाएंगी. केवल गंभीर अपराध के मामलों में ही सेवाएं समाप्त की जाएंगी. सीएम शिवराज ने कहा कि गलती कोई भी करे रोजगार सहायकों को निपटा दो ऐसा नहीं होगा, बिना वकील ,बिना दलील ,बिना अपील सेवा समाप्त नहीं होगी. पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा अगर कोई गंभीर अपराध है तो ही सेवाएं समाप्त होगी.
साथ ही मुख्यमंत्री ने शिवराज ने सभी रोजगार सहायकों के लिए अवकाश,मातृत्व अवकाश और स्वैच्छिक अवकाश के प्रावधान की भी घोषणा की. विशेष रूप से, 15 दिनों का पितृत्व अवकाश भी दिया जाएगा. बता दें कि रोजगार सहायकों के लिए सीएम शिवराज ने पंचायत सचिवों की नियुक्ति में 50% आरक्षण की घोषणा की. साथ ही भविष्य की नियुक्तियां और स्थानांतरण पंचायत सचिव के अनुरूप होंगे, जिससे रोजगार सहायकों कल्याण होगा.
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