भोपाल। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने सोमवार को मध्य प्रदेश के विदिशा जिले (Vidisha district) में डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के अंतर्गत अपनी किसान आईडी बनवाई। इस मौके पर उन्होंने किसानों से अपील की कि वे इस अभियान से जुड़ें और अपनी आईडी जल्द से जल्द बनवाएं, ताकि सरकार की सभी योजनाओं का लाभ एक ही स्थान पर और पारदर्शी तरीके से मिल सके।
चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन का उद्देश्य किसानों को डिजिटल रूप से सशक्त, आत्मनिर्भर और तकनीक-सक्षम बनाना है। उन्होंने बताया कि इस मिशन के अंतर्गत प्रत्येक किसान को एक डिजिटल पहचान (Farmer ID) प्रदान की जाएगी, जिसमें खेती से जुड़ी हर जानकारी-जैसे कि जमीन का कौन-सा रकबा है, उसके परिवार में कौन-कौन सदस्य हैं, उसने कौन-सी फसल बोई है, उसकी खेत की मिट्टी का स्वास्थ्य कैसा है, मिट्टी में कौन-कौन से तत्व हैं, सॉइल हेल्थ कार्ड की जानकारी उसके पास खेती के अलावा पशु धन या और कोई संपत्ति है तो उसकी जानकारी भी होगी।
उन्होंने कहा कि इससे किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में अब बार-बार दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं होगी। जैसे फसल बीमा, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, और कृषि ऋण जैसी योजनाओं का लाभ अब सीधा और त्वरित मिलेगा। किसान केवल अपनी आईडी दिखाकर संबंधित सुविधा प्राप्त कर सकेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अब तक देशभर में 5.5 करोड़ से अधिक किसानों की फार्मर आईडी बन चुकी हैं, जिनमें से 78 लाख आईडी केवल मध्य प्रदेश के किसानों की हैं। चौहान ने यह भी स्पष्ट किया कि फार्मर आईडी में दर्ज जानकारी पूरी तरह गोपनीय रहेगी और किसान की सहमति के बिना साझा नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि कई बार जमीनों के रिकॉर्ड में गड़बड़ी हो जाती है, लेकिन अब डिजिटल आईडी से यह सब नामुमकिन होगा।
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