नई दिल्ली । मध्य प्रदेश में साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को हार का सामना करना पड़ा था. जब शिवराज सिंह चौहान से हार का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कर्जमाफी के झूठे वादे के कारण हमें हार का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि इसका असर हुआ था और मध्य प्रदेश के साथ राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी इसे देखा गया.
चौहान ने कहा कि किसानों को जितना धोखा राहुल गांधी ने दिया उतना तो कमलनाथ ने भी नहीं दिया. वो कहते थे कि 10 दिन में सबका कर्जमाफ हो जाएगा, नहीं तो 11वें दिन मुख्यमंत्री हटा दूंगा. 55 हजार करोड़ रुपये का कर्जमाफ होना था, लेकिन उन्होंने केवल 6 हजार करोड़ का किया. चुनाव में मिली हार पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सीटों का अंकगणित बहुत अजीब रहता है. तब भी हमने ज्यादा वोट लिए थे, लेकिन हमारी सीट कम हो गई थी. ऐसा इसलिए क्योंकि 15 साल से लगातार हमारी सरकार थी. हमारी कई योजनाएं चलती थीं. कर्जमाफी के झूठे वादे कांग्रेस ने किए थे उसका असर हुआ था. हम लोगों का मानना था कि ऐसे वादे करना गलत है.
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन पर सीएम शिवराज ने कहा कि किसानों का अगर छोटा समूह भी किसी भी बात को कह रहा है तो भारत सरकार उसको गंभीरता से सुनती है. केंद्र सरकार तो ये कानून बाद में लेकर आई, मध्य प्रदेश में तो हमने इसे पहले ही लागू कर दिया था, क्योंकि ये कानून किसानों के हित में हैं. शिवराज चौहान ने कहा कि हर किसान को उसकी बात रखने का अधिकार है और केंद्र सरकार चर्चा से उनकी आशंकाओं को दूर करना चाहती है.
लव जिहाद पर कानून क्यों
काम के लिए लव होना चाहिए ये लव जिहाद क्यों? सीएम शिवराज चौहान ने कहा कि मोदीजी भारत के लिए वरदान हैं. ऐसा प्रधानमंत्री जिनके दिल, दिमाग में जूनून जज्बा है, जो लगातार देश के बारे में सोचते हैं और काम करते हैं. शिवराज चौहान ने कहा कि कितना भी काम हो जाए उस पर चर्चा नहीं होती. विकास और जन कल्याण हमारे प्रमुख मुद्दे हैं. हमने मध्य प्रदेश में बुनियादी ढांचा विकसित करने के काम शुरू किए, जनकल्याण के काम किए.
लव जिहाद का कानून क्यों? सीएम ने कहा कि इस अधिनियम में प्रावधान है कि प्रलोभन और डर-भय के जरिये धर्म परिवर्तन कराना गलत है. अगर वो गलत है तो उसके खिलाफ कानून बनना चाहिए. हमने स्थिति की समीक्षा की, सैकड़ों बेटियों को खोज कर ला रहे हैं. कोई बहला फुसलाकर इनकी जिंदगी से कोई खेले तो उनके खिलाफ कार्रवाई न की जाए?
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