भोपाल। प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव को लेकर आज आखिरी चरण का मतदान हो रहा है। चुनावों में गड़बड़ी के मामले भी सामने आए हैं। चुनाव बाद सबसे ज्यादा शिकायतें पंचायत चुनाव में गड़बड़ी को लेकर पहुंची हैं, लेकिन नायब तहसीलदार और अपर कलेक्टर की करतूत की वजह से शिवपुरी जिला चुनाव में पक्षपात को लेकर प्रदेश में सबसे ज्यादा बदनाम हो चुका है।
दरअसल, ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस ने खनियांधाना तहसील के प्रभारी नायब तहसीलदार सुधाकर तिवारी को सरंपच पद पर जीते प्रत्याशी को जीत का प्रमाण देने के एवज में 1 लाख की घूस लेते पकड़ा था। यह मामला ठंडा भी नहीं हुआ कि इस बीच शिवपुरी के अपर कलेक्टर उमेश शुक्ला का एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें वे चुनाव की लोकतंत्रांतिक प्रक्रिया पर ही सवाल खड़े करते दिखाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं शिवपुरी जिले में पंचायतों की मतगणना के दौरान गड़बड़ी करने की शिकायत भी जिला निर्वाचन अधिकारी शिवपुरी से लेकर राज्य निर्वाचन आयोग तक पहुंची हैं। हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग ने किसी भी शिकायत पर कोई ठोक कदम नहीं उठाया है। लोकायुक्त के हत्थे चढ़े खनियाधाना के नायब तहसीलदार सुधाकर तिवारी ने राज्य निर्वाचन आयोग के पत्र को ही वसूली का जरिए ही कमाई का नवाचार करने की कोशिश की, लेकिन वे रंगेहाथ पकड़े गए।
एडीएम ने पूरी लोकतंात्रिक व्यवस्था को ही गलत ठहरा दिया
शिवपुरी एडीएम उमेश शुक्ला ने देश की पूरी लोकतंात्रिक प्रक्रिया पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। वोट जुड़वाने की मांग को लेकर एडीएम के पास पहुंचे व्यक्ति से एडीएम ने कहा कि आज तक वोट डालकर क्या किया। कितने भ्रष्ट नेता पैदा किए, मैं वोट डालना और लोकतंत्र को देश् की सबसे बड़ी गलती मानता हूं। इससे जुड़ा एडीएम का कथित वीडियो वायरल हो रहा है। हालांकि वीडियो की किसी भी स्तर पर पुष्टि नहीं की गई है।
मतगणना में एक झटके में हरा दिए चुनाव
चुनाव आयोग के पास चुनाव में गड़बड़ी की शिकायतें प्रदेश भर से पहुंची हैं, ज्यादातर शिकायतें हारे हुए प्रत्याशियों ने की है। जिसमें आरोप लगाए हैं कि मतदान के बाद पंचायत स्तर पर हुई मतगणना में मतों की गिनती एक पक्ष को फायदा पहुंचाने के लिए गई। मतों को बिना दिखाए ही गिनती की गई। आपत्ति को दरकिनार कर लिया गया। इतना ही नहीं शिवपुरी जिले की ही एक पंचायत में मतगणना में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं। जिसमें कहा है कि मतदानकर्मियों ने आधी रात से पहले तक गणना की। इस बीच गणना एजेंट लघुशंका करने बाहर गया तो गड़बड़ी की गई। गड़बड़ी होने पर आपत्ति को दरकिनार किया और प्रत्याशी को अंदर आने नहीं दिया। मतगणना के आंकड़े सार्वजनिक करने से पहले मतदान दल केंद्र से बाहर निकला फिर गणना एजेंटों को बाहर निकलने दिया। जब गणना में आपत्ति की और पुर्नगणना की मांग की तो मतदान दल आधी रात का हवाला देकर रवाना हो गया। मामला जिला निर्वाचन अधिकारी एवं सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी तक भी पहुंचा, लेकिन सब मौन है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved