नई दिल्ली (New Delhi) । शिवलिंग की आकृति (shape of Shivalinga) वाले फव्वारे (fountains) पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Lieutenant Governor VK Saxena) और आम आदमी पार्टी (आप) आमने-सामने हैं। उपराज्यपाल ने शुक्रवार को इसे लेकर हो रहे विवाद को बचकाना बताते हुए कहा कि देश के कण-कण में भगवान हैं। उधर, ‘आप’ ने इसे लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
उपराज्यपाल ने केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी के साथ शुक्रवार को दिल्ली कैंट में बनाए गए यक्षिणी चौक को जनता को समर्पित किया। जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर उलान बातर मार्ग पर यक्षिणी की मूर्तियों का अनावरण किया गया, जबकि वायु सेना स्टेशन पालम के सामने आईएएफ पार्क का उद्घाटन किया गया। इस दौरान शिवलिंग विवाद को लेकर पूछे गए सवाल पर उपराज्यपाल ने इसे बचकाना करार दिया। उन्होंने विवाद को खारिज करते हुए कहा कि वे शिवलिंग नहीं, बस कलाकृतियां हैं। देश के तो कण-कण में भगवान हैं।
उपराज्यपाल ने कहा कि लोग पेड़ों को राखियां बांधते हैं और उनकी पूजा करते हैं। आपको हर वस्तु वैसी ही नजर आती है, जिस रूप में आप उसे देखना चाहते हैं। हमने ये यक्षिणी प्रतिमाएं लगाई हैं और आप उन्हें देवियां कह सकते हैं। उपराज्यपाल ने कहा कि यक्षिणियां भगवान कुबेर की संपदाओं की रक्षा करती हैं। आज हमारा देश समृद्ध बन रहा है और ये प्रतिमाएं प्रतीक के तौर पर लगाई गई हैं।
प्रसिद्ध कलाकारों ने बनाई हैं कलाकृतियां : नवनिर्मित यक्षिणी चौक पर स्थापित यक्षिणी मूर्तियां ओडीशा के प्रसिद्ध मूर्तिकार ध्रुबा चरण स्वैन द्वारा बनाई गई हैं, जबकि उलान बातर मार्ग पर स्थापित यक्षिणी मूर्तियां एक अन्य उड़िया मूर्तिकार सुदर्शन साहू द्वारा बनाई गई हैं।
सौंदर्यीकरण के नाम पर आस्था से खिलवाड़ : दुर्गेश पाठक
‘आप’ विधायक शुक्रवार को शिवलिंग के आकार वाले फाउंटेन को लेकर दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर से मिले। ‘आप’ विधायक दुर्गेश पाठक के नेतृत्व में विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा, शिवलिंग लगवाने वालों पर केस दर्ज करने के साथ उन्हें तत्काल हटाया जाए।
पत्रकार वार्ता में दुर्गेश पाठक ने कहा कि दिल्ली में जी-20 की तैयारियों के दौरान हिंदुओं की श्रद्धा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सौंदर्यीकरण के नाम पर शिवलिंग के आकार वाले फव्वारे लगाए गए हैं। उन पर सीवर का पानी डाला जा रहा है। इसे लेकर हिंदू समाज एलजी से खफा है। शिवलिंग वाले फव्वारे को लेकर जब आपत्ति जताई गई, उनसे माफी मांगने के लिए कहा गया तो वह जनता का मजाक बना रहे थे। वह कहते हैं कि यह शिवलिंग नहीं, बल्कि एक पत्थर की कलाकृति है।
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