भोपाल। आज सावन का दूसरा सोमवार है। भक्त रेवती नक्षत्र में भगवान भोलेनाथ की आराधना में जुटे हुए हैं। हर साल की अपेक्षा इस बार शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ कम हो रही है। आज सुबह से ही शिवालयों में भक्तों का पहुंचना शुरू हो गया। जो उचित शारीरिक दूरी का पालन करते हुए ही पूजा-आराधना कर रहे हैं। हालांकि मंदिरों में भक्तों की भीड़ न लगे, इसलिए सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, जो भक्तों को कोरोना वायरस की गाइडलाइन के अनुसार प्रवेश करा रहे हैं।
पंडितों के अनुसार आज रेवती नक्षत्र व कृष्ण अष्टमी है, जो विवाह के लिए संबंध व तिथि तय करने के लिए श्रेष्ठ दिन है। शिव जी का गन्ने के रस से अभिषेक कर शुभ कार्य करने पर यह मंगलकारी होंगे। पंडित रुपनारायण शास्त्री ने बताया कि इस साल श्रावण मास में दो सोमवार को विशेष रूप से अमावस्या और पूर्णिमा पड़ रहे हैं। सोमवती अमावस्या 20 जुलाई और 3 अगस्त को सोमवती पूर्णिमा का संयोग 47 वर्षों बाद बना है। यह अद्भुत संयोग 47 साल पहले 1973 में बना था। इस बार श्रावण मास में पांच सोमवार पडऩे का योग बना है। पंडितों के अनुसार, पांच सोमवार को योग वर्ष 1976, 1990, 1997 व 2017 में बना था। यही संयोग 2024 में भी बनेगा। यह माह सोमवार से शुरू और सोमवार को ही माह की विदाई होगी। 13 जुलाई हो कृष्ण पक्ष की अष्टमी, 20 जुलाई को अमावस्या, 27 जुलाई को सप्तमी, 3 अगस्त को पूर्णिमा पर विशेष योग बन रहे हैं। इस योग में पौधारोपण करने से पूर्व के सभी दोषों का क्षमन और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी।
तीसरे सोमवार को सर्वार्थसिद्धि योग
पंडित सोमेश शर्मा के अनुसार सावन के तीसरे सोमवार को कई शुभ योग भी हैं। कार्य को सिद्धि देने वाला योग सर्वार्थसिद्धि बना है। इस दिन सोमवती अमावस्या के रूप में भी पूजा की जाएगी। हरियाली अमावस्या भी पड़ रही है। यह सौभाग्य और पितरों की कृपा पाने का दिन माना गया है। अंतिम सोमवार 3 अगस्त को रवियोग पड़ रहा है। यह योग श्रेष्ठ सिद्धिकारक और मनोकामनापूर्ति के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस दिन शिवजी की उपासना शुभफलकारण और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला होगी।
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