उज्जैन। नानाखेड़ा के समीप स्थित चाणक्यपुरी में श्रीराम कथा का आयोजन हो रहा है। कथा के दौरान भगवान शिव पार्वती के विवाह प्रसंग पर कथा पांडाल में उपस्थित श्रद्धालु हर्षित होकर नाच उठे।
अयोध्या में हो रही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर नानाखेड़ा स्थित चाणक्यपुरी में चल रही सात दिवसीय रामकथा में बुधवार को श्री धाम वृंदावन के महाराज रसिका नंदन जी ने शिव-पार्वती विवाह के प्रसंग की कथा सुनाई, जिसे सुनकर श्रोता हर्षित हो उठे। महाराज ने कथा सुनाते हुए कहा कि जब शिव और पार्वती का विवाह होने वाला था तो एक बड़ी सुंदर घटना हुई। ऐसा विवाह इससे पहले कभी नहीं हुआ था। शिव दुनिया के सबसे तेजस्वी प्राणी थे। एक-दूसरे प्राणी को अपने जीवन का हिस्सा बनाने वाले थे, उनकी शादी में बड़े से बड़े और छोटे से छोटे लोग सम्मिलित हुए। सभी देवता तो वहां मौजूद थे ही, असुर भी वहां पहुंचे। आमतौर पर जहां देवता जाते थे, वहां असुर जाने से मना कर देते थे और जहां कहीं भी असुर जाते थे, वहां देवता नहीं जाते थे, क्योंकि उनकी आपस में बिल्कुल नहीं बनती थी पर यह शिव का विवाह था, जिसमें सभी लोगों ने अपने सारे झगड़े भुलाकर एक साथ आने का मन बनाया। शिव पशुपति का मतलब बताते हुए कहा कि इसका मतलब सभी देशों के देवता भी हैं। इसलिए सभी जानवर, कीड़े, मकोड़े और सारे जीव उनके विवाह में शामिल हुए। यहां तक कि भूत, पिशाच और विक्षिप्त लोग भी बराती बनकर पहुंचे। यह एक शाही शादी थी, एक राजकुमारी की शादी हो रही थी। विवाह का ये प्रसंग सुनकर सभी श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे। शुभम दायमा,सन्नी राजपूत, कमल जोशी, आतिश दुबे, विनितोष जोशी,राहुल प्रजापत व बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद थे।
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