
उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में नौ दिनों तक चलने वाले महाशिवरात्रि पर्व की शुरुआत हो गई। सोमवार को पर्व के पहले दिनभगवान महाकाल और कोटेश्वर महादेव का विशेष अभिषेक और पूजन किया गया।
शिव नवरात्रि के पहले दिन सुबह कोटितीर्थ कुंड पर स्थित श्री कोटेश्वर महादेव का शिव पंचमी पूजन-अभिषेक हुआ। इसके बाद भगवान महाकालेश्वर का पूजन-अभिषेक शुरू होगा। नवरात्रि काल में 11 ब्राह्मणों द्वारा एकादश एकादशनी रूद्राभिषेक पाठ किया जाएगा। दोपहर 3 बजे सांध्य पूजन के बाद भगवान महाकाल का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। उन्हें नए वस्त्र और आभूषण धारण कराए जाएँगे। पहले दिन सोमवार को भगवान को कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंडमाला और छत्र से सजाया जाएगा। साथ ही हल्दी-चंदन का विशेष उपटन लगाया जाएगा। यह क्रम 25 फरवरी तक नौ दिनों तक चलेगा। महाकाल मंदिर की पूजन परंपरा में फाल्गुन कृष्ण पंचमी से चतुर्दशी तक शिव विवाह का उत्सव मनाया जाएगा। उत्सव की इस शृंखला में भगवान की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी।
इन रूपों में दर्शन देंगे महाकाल
- 18 फरवरी : दिव्य चंदन शृंगार
- 19 फरवरी : शेषनाग शृंगार
- 20 फरवरी : घटाटोप शृंगार
- 21फरवरी : होलकर शृंगार
- 21फरवरी : होलकर शृंगार
- 22 फरवरी : छबीना शृंगार
- 23 फरवरी : मनमहेश शृंगार
- 24 फरवरी : उमा महेश शृंगार
- 25 फरवरी : शिवतांडव शृंगार
- 26 फरवरी : अर्पित करेंगे सतत जलधारा
- 27 फरवरी : सप्तधान्य शृंगार