जम्मू: शिवभक्तों के स्वागत के लिए जम्मू-कश्मीर तैयार है. एक जुलाई से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक करीब 3 लाख तीर्थ यात्री अग्रिम पंजीकरण करवा चुके हैं. भगवती नगर से कल श्रद्धालुओं का पहला जत्था पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए रवाना होगा. श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड और स्थानीय प्रशासन ने बताया कि भक्तों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सभी प्रकार की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इसके अलावा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
जम्मू-कश्मीर के प्रवेशद्वार लखनपुर से लेकर कश्मीर तक बुनियादी ढांचे के साथ अन्य जरूरी सुविधाओं को सुनिश्चित किया गया है. इस साल यात्रा में रिकार्ड तोड़ तीर्थ यात्रियों के शामिल होने की उम्मीद है. पिछले साल 44 दिन की यात्रा में करीब 20 दिन खराब मौसम की भेंट चढ़े थे और यात्रा काफी प्रभावित हुई थी. इस बार सुरक्षा व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है. गुफा मंदिर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की जगह भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के कर्मियों की तैनाती हुई है, जो माउंटेन वारफेयर में ट्रेंड होते हैं.
अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में पहली बार ITBP की तैनाती
जबकि आईटीबीपी और सीमा सुरक्षा बल लगभग आधा दर्जन शिविरों की निगरानी करेंगे, जो पहले देश की प्राथमिक आंतरिक सुरक्षा बल सीआरपीएफ द्वारा सुरक्षित होते थे. सीआरपीएफ अब भी गुफा मंदिर की सीढ़ियों के नीचे सीधे तैनात रहेगी. सूत्रों ने पहले पीटीआई को बताया कि यह नई व्यवस्था ‘उभरते सुरक्षा खतरों और चुनौतियों’ को ध्यान में रखते हुए और ‘जम्मू-कश्मीर पुलिस की आवश्यकताओं’ के अनुसार बनाई गई है. एक अधिकारी के मुताबिक सीआरपीएफ के साथ-साथ विभिन्न अन्य बलों को भी कार्य दिए गए हैं. क्योंकि सीआरपीएफ की कई कंपनियां मणिपुर में कानून और व्यवस्था की स्थिति और पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए भी काम कर रही हैं.
डाॅग स्क्वाड के साथ NDRF तैनात, एरियल सर्वे भी होगा
आईटीबीपी ने पिछले साल अमरनाथ यात्रा के दौरान अचानक आई बाढ़ के बाद भी राहत एवं बचाव कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. अधिकारी ने दावा किया कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि आईटीबीपी एक पहाड़ी सेना है, जो प्राकृतिक त्रासदियों के लिए प्रशिक्षित है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने किसी भी आतंकी कार्रवाई का मुकाबला करने और आपदाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए इंटर-एजेंसी कोआर्डिनेशन और ड्रोन, डॉग स्क्वायड और एरियर सर्वे टीमों के उपयोग पर भी जोर दिया है. उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ के डाॅग स्क्वाड की एक टीम पहले ही तैनात कर दी गई है, ताकि उन्हें ऊंचाई और ठंडे मौसम के अनुकूल बनाया जा सके.
इस वार्षिक तीर्थयात्रा की अवधि अबकी 62 दिनों की होगी
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 27 जून को अमरनाथ यात्रा की व्यापक सुरक्षा समीक्षा की. नॉर्थ ब्लॉक में आयोजित बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने की, जिसमें सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के वरिष्ठ अधिकारी और खुफिया विभाग, सेना के अधिकारी शामिल थे. सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस और प्रशासन तथा अमरनाथ श्राइन बोर्ड उपस्थित थे. इस वार्षिक तीर्थयात्रा की अवधि अबकी 62 दिनों की होगी, जो 1 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलने वाली है. अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्री दो मार्गों- बालटाल और पहलगाम से यात्रा करते हैं. श्री अमरनाथ श्र्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि पिछले साल 3.45 लाख श्रद्धालुओं ने गुफा मंदिर का दौरा किया था और इस बार यह आंकड़ा 5 लाख तक जा सकता है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved