मुंबई । मुंबई की एक विशेष अदालत (A Special Court in Mumbai) से बुधवार को शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) (Shiv Sena [Uddhav Thackeray Faction]) के राज्यसभा सांसद (Rajya Sabha MP) संजय राउत (Sanjay Raut) को जमानत मिल गई (Got Bail) । एक अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय ने शिवसेना सांसद को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था। इसके पहले 31 जुलाई को ईडी ने संजय राउत के घर सहित उनके कई ठिकानों पर छापा मारा था। इस छापेमारी में संजय राउत के घर से ईडी ने 11. 50 लाख रुपए नकद बरामद किए थे।
राउत पर मुंबई के गोरेगांव में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित तौर पर वित्तीय अनियमितताएं बरतने का आरोप है। मुंबई के गोरेगांव में चॉल के पुनर्विकास से संबंधित 1034 करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं से उनकी पत्नी और अन्य सहयोगियों से संबंधित वित्तीय लेन देन के मामले सामने आए थे।
मुंबई के गोरेगांव में सिद्धार्थ नगर के 47 एकड़ में फैला हुआ रेसिडेंशियल एरिया है जहां लगभग 672 परिवार किराए पर रहते हैं। साल 2008 में महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) ने एचडीआईएल की एक सहयोगी कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को इस चॉल के लिए एक पुनर्विकास का कॉन्ट्रैक्ट दिया था।
इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत जीएसीपीएल को किरायेदारों के लिए 672 फ्लैट बनाने और म्हाडा को कुछ फ्लैट देने की बात तय हुई थी। वहीं ईडी के मुताबिक बीते 14 सालों के दौरान एक भी किराएदार को कोई फ्लैट नहीं मिला। कंपनी ने पात्रा चॉल का पुनर्विकास के लिए कोई काम नहीं किया, बल्कि उसने 1,034 करोड़ रुपये में यह जमीन पार्सल और फ्लोर स्पेस इंडेक्स को बेच दी।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबियों में से एक और शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादक संजय राउत पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। शिवसेना सांसद पर ईडी ने पात्रा चॉल में बड़े पैमाने पर लेन-देन का आरोप लगाया है। पात्रा चॉल को लेकर उनकी जगह बने नए फ्लैट को लेकर गड़बड़ियां सामने आई हैं।
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