मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) में कांग्रेस (Congress) के साथ गठबंधन (alliance) की सरकार गिरते ही शिवसेना (Shiv Sena) ने निशाना साधना शुरू कर दिया है। कांग्रेस को सलाह देने के साथ राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की तारीफ की है।
बता दें कि शिवसेना के मुखपत्र में एक तरफ कांग्रेस की तारीफ की गई है तो वहीं ममता बनर्जी की तीखी आलोचना भी की गई है। शिवसेना ने कहा कि हाल ही में महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर कांग्रेस देश भर में सड़कों पर उतरी थी, लेकिन ममता बनर्जी ने ऐसा नहीं किया।
शिवसेना ने लिखा कि ‘कांग्रेस हाल ही में देश भर में महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे के विरोध में सड़कों पर उतरी थी। कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है जो महंगाई, बेरोजगारी, जीएसटी और ‘ईडी’ जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के बेजा इस्तेमाल के खिलाफ लड़ रही है।’ इस तरह शिवसेना ने एक तरफ कांग्रेस की तारीफ की है तो वहीं ममता बनर्जी पर हमला बोला है।
शिवसेना (Shiv Sena)ने लिखा कि ‘यह तस्वीर बनाई गई है कि कांग्रेस सड़कों पर उतर रही है और यह आश्चर्य की बात है कि देश के अन्य विपक्षी दल इस पर ध्यान नहीं देते। ‘ईडी’ का बेजा इस्तेमाल, महंगाई, बेरोजगारी और आतंकवाद भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय है।’ शिवसेना ने कहा कि कांग्रेस की ताकत कम है, लेकिन यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि दिल्ली में सरकारी आतंक की परवाह किए बिना गांधी परिवार सड़कों पर उतर आया। यह अन्य विपक्षी दलों के लिए एक सबक है। शिवसेना ने ‘सामना’ के जरिए एक अपील भी की है कि अगर कोई सच में डर से मुक्त है तो वह यह सबक सीखे।
अपने इस लेख में शिवसेना (Shiv Sena)ने शरद पवार का जिक्र नहीं किया है, लेकिन कांग्रेस के अलावा सभी विपक्षी दलों को लताड़ने को उनसे जोड़ा जा रहा है। कहा जा रहा है कि शिवसेना शरद पवार से नाराज है। इससे पहले भी संजय राउत पर शरद पवार की चुप्पी को लेकर जब उद्धव ठाकरे से सवाल पूछा गया था तो वह भड़क गए थे। शिवसेना ने अपील की है कि ऐसे समय में विरोधियों के लिए जरूरी है कि वे सारे मतभेद भुलाकर साथ आ जाएं। ईडी का ‘आतंक’ इसलिए बनाया गया है कि विपक्ष एक साथ न आए।
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