मुंबई । एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के बगावत के बाद महाराष्ट्र विधान भवन (Maharashtra Legislative Building) की चौथी मंजिल पर स्थित शिवसेना (Shiv Sena) के कार्यालय (Office) को सील कर दिया गया था। अब राज्य में नई सरकार के गठन के बाद मानसून सत्र के पहले दिन ही इसे खोल दिया गया और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट को इसे सौंप दिया गया। वहीं, शिंदे गुट को सातवीं मंजिल पर एक दफ्तर दिया गया है। इस ताजा घटना के बाद महाराष्ट्र की सियासत में एकबार फिर यह चर्चा जोर पकड़ ली है कि आखिर शिवसेना किसकी है।
आपको बता दें कि एकनाथ शिंदे ने बड़ी संख्यां में विधायकों के साथ शिवसेना से नाता तोड़ लिया। इसके बाद राज्य में नई सरकार का गठन हुआ। एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने और देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री। शिंदे सरकार के विश्वास मत के विशेष सत्र के दौरान शिंदे समूह शिवसेना के मूल कार्यालय पर कब्जा करने में विफल रहा। उस समय इसे सील कर दिया गया था।
एकनाथ शिंदे की सरकार एक महीने से अधिक समय से मंत्रियों का इंतजार कर रही थी। मंत्रिमंडल विस्तार में देरी के कारण बुधवार को शुरू हुए मानसून सत्र के पहले दिन शिंदे गुट को सातवीं मंजिल पर अलग कार्यालय दिया गया। इसलिए चौथी मंजिल पर स्थित शिवसेना का मूल कार्यालय उद्धव गुट को सौंप दिया गया।
एक तरफ विधानसभा में शिंदे समूह मूल शिवसेना से अलग हो गया है, उन्होंने प्रतोद को भी नियुक्त किया है और दावा किया है कि वे असली शिवसेना हैं। इसके बावजूद विधान भवन में मूल शिवसेना कार्यालय को बरकरार रखा गया और सातवीं मंजिल पर शिंदे गुट को एक अलग कार्यालय दिया गया, एक नई चर्चा शुरू हो गई है।
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