मुंबई। महाराष्ट्र सरकार दाउद इब्राहिम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद मंत्री नवाब मलिक से इस्तीफा लेने को तैयार नहीं है। हालांकि मलिक का विभाग अस्थायी तौर पर किसी अन्य मंत्री को दिया जा सकता है। राज्य के जल संसाधन मंत्री व महाराष्ट्र राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटिल का कहना है कि इस बारे में पार्टी के निर्णय से सीएम उद्धव ठाकरे को अवगत करा दिया जाएगा। ठाकरे इस पर अंतिम निर्णय लेंगे।
गुरुवार को राकांपा प्रमुख शरद पवार ने पार्टी के नेता नवाब मलिक मामले से जुड़े पहलुओं पर विचार के लिए बैठक बुलाई थी। इसके बाद जयंत पाटिल ने यह बात कही। पवार के घर पर हुई बैठक के बाद पाटिल ने मीडिया से कहा कि पार्टी मलिक से इस्तीफा नहीं मांगेगी, क्योंकि उन्हें गलत ढंग से गिरफ्तार किया गया है।
इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार, मंत्री छगन भुजबल व दिलीप वलसे पाटिल, पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे आदि शामिल हुए। नवाब मलिक वरिष्ठ राकांपा नेता हैं। महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ शिवसेना नीत महाविकास अघाड़ी सरकार में उनके पास अल्पसंख्यक मामले व कौशल विकास विभाग है।
62 साल के मलिक को फरवरी अंत में ईडी ने गिरफ्तार किया था। उन पर दाउद इब्राहिम की प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया है। वह अभी न्यायिक हिरासत में जेल में है। मलिक राकांपा की मुंबई इकाई के प्रमुख भी हैं। वह परभणी व गोंदिया जिलों के प्रभारी मंत्री भी हैं। उनकी जमानत अर्जी हाल ही में निरस्त हो चुकी है। इसलिए उनके विभागों का दायित्व किसी अन्य मंत्री को अगले कुछ दिनों में दे दिया जाएगा।
इस बीच, मुंबई में नगर निगम चुनाव को देखते हुए राकांपा ने शहर इकाई में दो कार्यकारी अध्यक्ष मनोनीत करने का फैसला किया है। नरेंद्र राणे व राखी जाधव को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
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