मुंबई । शिवसेना (Shiv Sena) ने अपने मुख पत्र सामना (saamana) में संपादकीय लेख (editorial articles) के माध्यम से संसदीय कार्यवाही (parliamentary proceedings) को लेकर केंद्र सरकार (Central government) पर हमला बोला.
संपादकीय लेख में कहा गया की सत्ताधारी सरकार विरोधियों की आवाज दबाना चाहती है और इसी कारण संसद में दर्जनों सांसदों को निलंबित किया गया है. कहा गया कि यह सांसद जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं उनके मुद्दे उठाते हैं लेकिन सरकार जनता की महंगाई पर आवाज सुनना नहीं चाहती.
आरोप लगाया गया कि संसद में कोई आवाज उठाई तो उनके मुंह पर निलंबन की पट्टी चिपका देते हैं और सांसदों को क्या बोलना है यह भी केंद्र सरकार ही तय कर रही है. लेख में कहा गया कि विरोध करने वाले सांसदों की आवाज आप दबा सकोगे, परंतु महंगाई के खिलाफ यलगार का आह्वान करनेवाली जनता की आवाज को दबाया नहीं जा सकता, इसे ध्यान में रखें.
निलंबित सांसदों का धरना जारी
राजधानी दिल्ली के संसद भवन परिसर में निलंबित सांसदों का 50 घंटे का धरना जारी है. संसद के चल रहे मानसून सत्र के दौरान अभद्र व्यवहार के लिए 23 राज्यसभा सांसदों और 4 लोकसभा सांसदों सहित कुल 27 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है.
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