मुंबई। महाकुंभ में संगम नोज पर भगदड़ मचने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई। विपक्षी पार्टियां सरकार को घेर रही हैं। उन्होंने प्रबंधन पर भी सवाल उठाए। शिवसेना ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी। पार्टी ने बुधवार को जानना चाहा कि महाकुंभ में मची भगदड़ के लिए जिम्मेदार कौन है? इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि मंत्रियों के दौरे के दौरान नदी तट के कुछ हिस्सों को बंद करने से ऐसी स्थितियां पैदा होती है। वीआईपी के लिए दिन आरक्षित रखा जाता है। शिवसेना राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने बताया कि प्रयागराज में महाकुंभ के प्रबंधन पर 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
संजय राउत ने सरकार को घेरते हुए कहा, “सारे पैसे कहां गए? कुंभ के जरिए भाजपा राजनीतिक प्रचार कर रही है। वे कुंभ का व्यापारीकरण कर चुनाव लड़ना चाहते हैं। यह उनकी आस्था नहीं है, बल्कि राजनीति है और लोगों की जान जा रही है।” उन्होंने आगे कहा कि तड़के सुबह कुंभ में मची भगदड़ राज्य प्रशासन द्वारा हत्या थी।
संगम पर भगदड़ के बाद कई लोगों के हताहत होने की आशंका थी, क्योंकि लाखों तीर्थयात्री मौनी अमावस्या पर पवित्र स्नान के लिए आए थे। शिवसेना नेता ने कहा, “जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महाकुंभ का दौरा किया था तब घाट एक दिन के लिए बंद कर दिया गया था। जब गृह मंत्री अमित शाह ने महाकुंभ का दौरा किया तब पूरा प्रयागराज बंद कर दिया गया था। इससे व्यवस्था पर दबाव बढ़ता है और भीड़ लग जाती है फिर इसी भीड़ के कारण भगदड़ मच जाती है।”
भाजपा पर निशाना साधते हुए संजय राउत ने कहा कि कुंभ कोई इवेंट मैनेजमेंट नहीं बल्कि एक आस्था है। उन्होंने कहा कि 2012-17 तक अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते हुए महाकुंभ के शानदार प्रबंधन को लोग आज भी याद करते हैं। बुधवार को करोड़ों लोग प्रयागराज पहुंचे, लेकिन उनके लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है।
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