- 9 दिन तक चलेगा-पहले दिन चंदन से हुआ श्रृंगार-मुकुट और आभूषण धारण किए भगवान ने
उज्जैन। महाकाल में आज से 9 दिवसीय शिवनवरात्रि पर्व की शुरुआत हो गई है। आज पहले दिन भगवान का चंदन से श्रृंगार किया गया और उन्हें सोला व दुपट्टा धारण कराकर चाँदी का मुकुट और आभूषण धारण कराए गए। उल्लेखनीय है कि एक मार्च को महाशिवरात्रि पर्व का आयोजन होगा। इससे पहले आज से 9 दिवसीय शिवनवरात्रि पर्व की शुरुआत हो गई है। आज से लगातार 9 दिन तक भगवान शिव और पार्वती के विवाह समारोह के पूर्व के कार्यक्रम चलेंगे। इसमें रोजाना भगवान भोलेनाथ और पार्वती को दूल्हा-दुल्हन के रूप में सजाया जाएगा। शिव पार्वती को रोजाना हल्दी, कुमकुम अर्पित किए जाएँगे तथा 8 दिन तक भगवान महाकाल के विभिन्न स्वरूपों में भक्त दर्शन कर पाएँगे।
पुजारी आशीष गुरु ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में आज से शिवनवरात्रि पर्व की शुरुआत हो गई है। इसके तहत आज से विशेष अभिषेक पूजन का क्रम आरंभ हो गया है। आज से भोग आरती सुबह साढ़े 10 बजे की बजाय दोपहर 1 बजे होगी तथा संध्या पूजा भी शाम 5 बजे की बजाय दो घंटे पहले 3 बजे दोपहर में होगी। शिवनवरात्रि के पहले दिन आज भगवान महाकाल का चंदन से श्रृंगार किया गया है। साथ ही उन्हें सोला व दुपट्टा धारण कराया गया। चाँदी का मुकुट, मुंडमाल, छत्र आदि से आज पहले दिन महाकाल का श्रृंगार किया गया। उन्होंने बताया कि कल दूसरे दिन भगवान महाकाल का शेष नाग स्वरूप में, तीसरे दिन घटाटोप स्वरूप में, चौथे दिन छबीना श्रृंगार तथा 5वें दिन होल्कर रूप में श्रृंगार किया गया जाएगा। शिवनवरात्रि के 6टें दिन महाकाल का मनमहेश रूप में श्रृंगार होगा और 7वें दिन उमा महेश स्वरूप में, 8वें दिन शिव तांडव स्वरूप में भगवान को श्रृंगारित किया जाएगा। महाशिवरात्रि पर पूरी रात महानिशाकाल में भगवान की विशेष पूजा की जाएगी। इसके बाद अगले दिन तड़के 4 बजे दो मार्च को भगवान महाकाल को सप्तधान मुखारबिंद धारण कराकर सवा मन फल और फूलों का सेहरा चढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि आज से शिवनवरात्रि के 9 दिन महाकाल मंदिर के पुजारी पुरोहित सभी उपवास रखेंगे। इस दौरान 1 मार्च की तैयारियाँ शहर में जोरों पर है।