मुंबई (Mumbai) । महाराष्ट्र (Maharashtra) में विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) ने एकनाथ शिंदे सरकार (Eknath Shinde Government) के उस कदम की आलोचना की ही और उस पर आग बबूला है, जिसके तहत महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम (State Security Corporation) से 11 महीने की अवधि के लिए मुंबई के लिए 3000 पुलिस कर्मियों की भर्ती की जानी है। ये भर्तियां कॉन्ट्रैक्ट आधार पर होनी हैं। एमवीए ने इस कदम की तुलना रूस की निजी सेना ‘वैगनर’ से की है और कहा है कि इसके परिणाम हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) द्वारा सामना किए गए विद्रोह के समान हो सकते हैं।
महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष और शिवसेना नेता अंबादास दानवे ने मंगलवार को कहा, “हम अनुबंध पर पुलिस भर्ती का विरोध करते हैं। इससे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है। यह खतरनाक है। अगर अनुबंध पर बहाल पुलिस सरकार के आदेशों का पालन नहीं करती है, तो क्या होगा?” उन्होंने कहा, “एक सुरक्षा गार्ड अनुबंध पर बहाल हो सकता है लेकिन एक पुलिसकर्मी की बहाली अनुबंध पर कैसे हो सकती है?”
सदन से बाहर, शरद पवार गुट के एनसीपी विधायक जितेंद्र अह्वाड ने भी कहा कि वे इस कदम का विरोध करेंगे क्योंकि इसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं। अह्वाड ने कहा, “पहले उन्होंने अनुबंध पर सैनिकों की भर्ती की और अब वे पुलिस कर्मियों के लिए ऐसा कर रहे हैं। मुझे यकीन है कि यह किसी फर्म की मदद करने के लिए किया जा रहा है। पुलिसकर्मी विरोध नहीं कर सकते लेकिन मुझे यकीन है कि पुलिसकर्मियों की पत्नियों को इस कदम के विरोध में सामने आना चाहिए।”
इस बीच, महाराष्ट्र के अधिकारियों ने कहा है कि राज्य में पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की भारी संख्या में कमी है और उसी के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। इस संबंध में गृह विभाग ने सरकारी आदेश भी जारी कर दिया है। इस प्रक्रिया में मुंबई के लिए पुलिस सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों की भर्ती की जानी है।
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