इंदौर। नगर निगम ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नंदलालपुरा क्षेत्र में 22 करोड़ के प्रोजेक्ट के तहत शिवाजी मार्केट के दुकानदारों के लिए नया मार्केट डेढ़ साल पहले बनाया था, जो रखरखाव के अभाव में खस्ताहाल हो रहा है। दुकानें वहां शिफ्ट करने का मामला भी अब तक उलझन में पड़ा है, क्योंकि कई का रिकार्ड ही नहीं मिल रहा है, वहीं व्यापारी भी नए मार्केट में जाने को तैयार नहीं है।
शिवाजी मार्केट की करीब 250 से ज्यादा दुकानों को शिफ्ट करने का प्रस्ताव नगर निगम ने तीन साल पहले तैयार किया था और यह योजना बनाई थी कि वहां की दुकानें हटाकर उस हिस्से को रिव्हर फ्रंट डेवलपमेंट के तहत संवारा जाएगा। हालांकि उक्त मार्केट के नीचे आईडीए ने भी दुकानें बनाई थीं, जो चली नहीं। इस पूरे प्रोजेक्ट के बाद निगम ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत उक्त क्षेत्र के व्यापरियों के लिए नंदलालपुरा की खाली जमीन पर नया मार्केट बनाने के प्रस्ताव जारी किए थे। नंदलालपुरा क्षेत्र में दत्त मंदिर के आसपास विशाल पार्किंग स्थल, उद्यान और मार्केट बनाने के साथ-साथ कई अन्य कार्यों के लिए 22 करोड़ के टेंडर जारी किए थे और काम शुरू कराया था। अब पिछले डेढ़ साल से मार्केट बनकर तैयार है, लेकिन वहां व्यापारी जाने को सहमत नहीं हैं। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों का कहना है कि हमने अपना काम कर दिया है, अब सारा दारोमदार निगम के मार्केट विभाग पर है। दूसरी ओर डेढ़ साल से नंदलालपुरा में बनाए गए नए मार्केट के हाल-बेहाल हो रहे हैं। रखरखाव के अभाव में वहां गंदगी और असामाजिक तत्वों का डेरा लगा रहता है।
दो साल में भी पूरा नहीं हुआ सर्वे
मार्केट विभाग की टीम शिवाजी मार्केट की दुकानों को लेकर पिछले दो साल से पड़ताल कर रही है और मौके पर जाकर स्थिति भी देखी, लेकिन उसके बाद भी अब तक सर्वे पूरा नहीं हो पाया है, जिसके चलते दुकानों की शिफ्टिंग अब तक उलझन में पड़ी हुई है। अधिकारियों का कहना है कि कई दुकानों का रिकार्ड ही नहीं मिल रहा है, जिसके चलते खोजबीन अब भी जारी है। नगर निगम के शहरभर में 102 से ज्यादा मार्केट हैं और इनमें कई मार्केटों की यही हालत है कि निगम के पास उसका पूरा रिकार्ड ही नहीं है।
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