- 5 हजार ई रिक्शा होने के कारण शहर का यातायात भी प्रभावित हो रहा है
उज्जैन। आरटीओ तथा यातायात पुलिस द्वारा 20 दिन पहले शहर में ई-रिक्शा संचालन के लिये शिफ्ट सिस्टम लागू कर दिया था। उक्त नियम का पालन कराने के लिये कुछ दिनों तक यातायात पुलिस मैदान में उतरी थी और नियम का उल्लंघन करने वालों के वाहन जब्त कर थाने में खड़े किए थे और जुर्माना लगाया था। परंतु उसके बाद से ई-रिक्शा वाहनों की चेकिंग नहीं होने से अब दिन और रात की शिफ्ट वाले ई-रिक्शा वाहन साथ-साथ दौड़ते नजर आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि शहर के यातायात में बाधा बन रहे ई-रिक्शा को दो शिफ्ट में सुबह 3 से दोपहर 3 और दोपहर 3 से रात 3 बजे तक चलाने का नियम आरटीओ तथा यातायात पुलिस द्वारा कलेक्टर के निर्देश पर बनाया गया था। इसमें रात 3 बजे से लाल रंग के रेडियम की पट्टे लगे ई-रिक्शा दोपहर 3 बजे तक चलने और दोपहर 3 से रात 3 बजे तक पीले पट्टे लगे ई-रिक्शा का संचालन निर्धारित किया गया था। इसके लिए इसी महीनें 10 जुलाई से पहले कार्तिक मेला ग्राउंड में लॉटरी की गई थी और शिफ्ट सिस्टम शहर में 10 जुलाई से लागू किया गया था। इसके बावजूद अनेक ई-रिक्शा संचालक अपने वाहन लेकर सड़कों पर घूम रहे थे। तब अगले दो-तीन दिन यातायात तथा परिवहन विभाग के अधिकारियों ने अलग अलग टीम बनाकर चौराहों पर नियम तोडऩे वालेे ई रिक्शा जब्त कर यातायात थाने में खड़े करवाए थे और जुर्माना भी लगाया था। यह अभियान तीन-चार दिन चला था। परंतु उसके बाद से शिफ्ट के मुताबिक ई-रिक्शा संचालन की जांच का अभियान रोक दिया गया था। इसका नतीजा यह हुआ कि अब महाकाल तथा आसपास के क्षेत्र में सुबह से रात तक शिफ्ट के अनुसार ई-रिक्शा नहीं चल रहे हैं। आज सुबह पौने 8 बजे के लगभग रामानुजकोट मार्ग पर लाल तथा पीले रंग के रेडियम प्लेट लगे ई-रिक्शा वाहन सवारियां भरकर साथ-साथ दौड़ते मीडिया के कैमरे में कैद हुए हैं। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक शहर में 6000 से अधिक ई-रिक्शा का संचालन हो रहा है। ऐसे में नियमानुसार दो शिफ्टों में तीन-तीन हजार ई-रिक्शा वाहनों का संचालन होना चाहिए। परंतु इस नियम के बाद भी शहर की सड़कों पर ई-रिक्शा वाहनों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। यह हाल पूरे शहर का है।