• img-fluid

    पाकिस्तान में शिया-सुन्नी विवाद ने फिर मचाई तबाही, अब तक 80 से ज्यादा लोगों की मौत

  • November 25, 2024

    कुर्रम: पाकिस्तान (Pakistan) के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के कुर्रम जिले (Kurram Districts) में शिया और सुन्नी समुदायों के बीच भयानक सांप्रदायिक हिंसा (Sectarian Violence) जारी है. इस हिंसा में अब तक 80 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और 150 से अधिक घायल हो गए हैं. हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि 300 से ज्यादा परिवारों को अपना घर छोड़कर दूसरी जगह पलायन करना पड़ा.

    हिंसा की शुरुआत 21 नवंबर को उस समय हुई जब शिया समुदाय के काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया. ये काफिला पेशावर से पाराचिनार जा रहा था और बेगन टाउन में इसे निशाना बनाया गया. हमले में 40 से ज्यादा शियाओं की मौत हो गई. साथ ही कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. हमले के बाद से ही पूरे इलाके में हिंसा भड़क उठी जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हमले किए.

    रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ लोगों का कहना है कि काफिले को चारों ओर से घेरकर गोलीबारी की गई. घटना के बाद से हिंसा लगातार बढ़ती गई और अब तक 82 लोगों की मौत हो चुकी है. खैबर पख्तूनख्वाह की सरकार ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए दोनों समुदायों के बीच सात दिनों का सीजफायर घोषित किया है. इसके साथ ही राज्य सरकार ने एक उच्च स्तरीय कमीशन गठित करने का फैसला लिया है जो शिया और सुन्नी समुदायों के बीच विवाद को सुलझाने का प्रयास करेगा.


    सरकार का दावा है कि हिंसा प्रभावित इलाकों में शांति कायम करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं. हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की निष्क्रियता के कारण स्थिति इतनी भयावह हो गई. बता दें कि कुर्रम जिला पाकिस्तान का कबीलाई इलाका है जहां शिया और सुन्नी समुदाय लंबे समय से जमीन और अन्य मुद्दों को लेकर टकराते रहे हैं. यहां शिया समुदाय की आबादी लगभग 45% है जो मुख्य रूप से अपर कुर्रम में रहती है जबकि लोअर और सेंट्रल कुर्रम में सुन्नी बहुसंख्यक हैं.

    शिया और सुन्नी समुदायों के बीच ये टकराव सदियों पुराना है. इसकी शुरुआत पैगंबर मोहम्मद की मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर हुए विवाद से हुआ. शिया समुदाय हजरत अली को पैगंबर का सही उत्तराधिकारी मानते हैं जबकि सुन्नी समुदाय अबू बकर को अपना खलीफा मानता है. दुनियाभर में मुस्लिम आबादी का लगभग 85% हिस्सा सुन्नी है जबकि शिया केवल 15% हैं. पाकिस्तान में ये आंकड़ा लगभग 90% सुन्नी और 10% शिया का है. ऐसे में दोनों के बीच धार्मिक मतभेद समय-समय पर हिंसा का रूप लेते रहे हैं.

    कुर्रम की मौजूदा स्थिति ने न केवल पाकिस्तान के आंतरिक सुरक्षा तंत्र पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि ये सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गई है. हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, लेकिन उनकी वापसी और पुनर्वास में अभी लंबा समय लग सकता है. ऐसे में पाकिस्तान सरकार के लिए ये जरूरी है कि वे सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाए. इसके अलावा बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप को रोकने और स्थायी शांति कायम करने के लिए ठोस नीति अपनानी होगी.

    Share:

    ड्रग तस्करी पर बड़ा एक्शन, अंडमान में मछली पकड़ने वाली नाव से 5 टन ड्रग्स की खेप जब्त

    Mon Nov 25 , 2024
    डेस्क: भारतीय तट रक्षक (Indian Coast Guard) ने अंडमान सागर (Andaman Sea) में एक मछली (Fish) पकड़ने वाली नाव (Boat) से लगभग 5 टन ड्रग्स (Drugs) की खेप जब्त की है. रक्षा अधिकारियों ने ये जानकारी दी है. दावा है कि ये अब तक की जब्त होने वाली नशीली दवाओं की सबसे बड़ी खेप होने […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved