नई दिल्ली (New Delhi)। पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास कुछ भारतीय चरवाहों का चीनी सैनिकों से सामना होने के कुछ दिनों बाद विदेश मंत्रालय (foreign Ministry) ने बयान जारी किया है। भारत के विदेश मंत्रालय (foreign Ministry) ने कहा कि दोनों पक्ष पारंपरिक चरागाह क्षेत्रों से अवगत हैं और गतिरोध की किसी भी घटना से मौजूदा तंत्र के तहत निपटा जाता है। पिछले महीने पूर्वी लद्दाख में चुशुल के दक्षिण स्थित एक क्षेत्र में चीनी सैनिकों की ओर से चरवाहों को कथित तौर पर रोक दिया गया था। चुशुल के एक काउंसलर ने स्थानीय लोगों की तरफ से शूट किया गया घटना का कथित वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया था।
हाल में काबुल में तालिबान की ओर से आयोजित एक क्षेत्रीय सम्मेलन में भारत की भागीदारी को लेकर एक सवाल पर जायसवाल ने कहा कि इसे अफगान लोगों के साथ भारत की दीर्घकालिक दोस्ती के संदर्भ में देखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ‘हम अफगानिस्तान पर क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रारूपों में कई बैठकों में भाग लेते रहे हैं।’ जायसवाल ने कहा, ‘हाल में, हमने काबुल में एक क्षेत्रीय बैठक में भी भाग लिया, जहां हमारी तकनीकी टीम के प्रमुख ने शिरकत की। उन्होंने बैठक को अफगान लोगों के साथ भारत की दीर्घकालिक मित्रता और देश में हमारे द्वारा की जा रही मानवीय सहायता से अवगत कराया। विशेष बैठक को उस विशेष संदर्भ में देखा जाना चाहिए।’
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