भोपाल। ऐतिहासिक, प्राकृतिक और सांस्कृतिक पर्यटन के अद्वितीय संगम वाले श्योपुर जिले को अब मध्यप्रदेश पर्यटन का नया प्रवेश द्वार बनाने की दिशा में एक नई कवायद की जा रही है। इसके लिए जिला पुरातत्व एवं पर्यटन परिषद द्वारा जिले के पर्यटन की कार्ययोजना बनाई गई है, वहीं अब आगामी नवंबर माह में एक विशेष वृहद सेमिनार आयोजित करने की भी तैयारी की जा रही हैं, जिसमें पर्यटन के हर क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल होंगे। मध्यप्रदेश में दिल्ली, जयपुर, आगरा आदि की ओर से आने वाले पर्यटकों के लिए अभी ग्वालियर ही एकमात्र प्रवेश द्वार है। ऐसे में पर्यटक शिवपुरी की ओर या फिर ओरछा झांसी की ओर निकल जाता है और श्योपुर अछूता रह जाता है। चूंकि श्योपुर राजस्थान की सीमा से सटा और यहां से 56 किलोमीटर दूर राजस्थान का सवाईमाधोपुर प्रमुख टूरिस्ट डेस्टिनेशन है, लिहाजा सवाईमाधोपुर आने वाला पर्यटक श्योपुर के रास्ते मध्यप्रदेश पर्यटन पर आए, इसकी काफी संभावनाएं हैं। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए श्योपुर में कूनो नेशनल पार्क, राष्ट्रीय चंबल घडिय़ाल अभयारण्य सहित ऐतिहासिक किला और तमाम ऐतिहासिक और प्राकृतिक पर्यटन तो है ही, साथ ही आदिवासी बाहुल्य होने के कारण सहरिया संस्कृति के रूप में बेहतर सांस्कृतिक पर्यटन भी है। यही वजह है कि जिला पर्यटन परिषद श्योपुर को मध्यप्रदेश टूरिज्म का नया प्रवेश द्वारा बनाने और जिले के पर्यटन को बढ़ावा देने की कवायद में जुटा है।
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