इंदौर (Indore)। हाल ही में शैल्बी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल इंदौर ने सेप्सिस के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया, जिसमें शैल्बी का स्टाफ हाथ में ‘क्विक एक्शन फॉर सेव लाइफ फ्रॉम सेप्सिस की तख्तियों एवं बैनर के साथ नजर आए। इस अभियान का उद्देश्य सेप्सिस के बारे में मरीजों और मेडिकल स्टाफ को जागरूक करना था।
जब गंभीर बीमारियों या मरीजों को प्रोटोकॉल के हिसाब से इलाज नहीं मिल पाता तो अकसर संक्रमण फैल जाता है। यह स्थिति सेप्सिस कहलाती है। वैसे तो सेप्सिस की चपेट में वे लोग आते हैं, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, लेकिन यह एक गंभीर समस्या है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में होने वाली मौतों के पांच प्रमुख कारणों में से एक सेप्सिस भी है। शैल्बी हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. विवेक जोशी ने सेप्सिस पर लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि संक्रमण सेप्सिस का रूप तब लेता है, जब इसकी स्थिति बेहद गंभीर हो जाती है।
इस स्थिति में ब्लड प्रेशर कम हो जाता है एवं शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। यहां एंटीवायरल, एंटीबॉयोटिक, एंटीफंगल एवं एंटीपैरासिटिक ड्रग्स के साथ एक बेहतर देखभाल की भी जरूरत होती है, अन्यथा स्थिति बिगड़ सकती है। जागरूकता अभियान के माध्यम से मरीजों को भी यह समझना जरूरी है कि इन्फेक्शन होने पर उसे नजरअंदाज न करते हुए तुरंत इंटेंसिविस्ट/फिजिशियन (इन्फेक्शन का उपचार करने वाले डॉक्टर) से संपर्क करें। गोल्डन ऑवर्स में इसका उपचार होना जरूरी है। देर होने पर मल्टीपल ऑर्गन फैलियर हो सकते हैं, जिससे मरीज की जान भी जा सकती है।
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