इंदौर (Indore)। भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता रहे भंवरसिंह शेखावत ने कांग्रेस का हाथ थामते ही उस पार्टी को गद्दारों की पार्टी बता डाला, जिसने उन्हें वर्षों तक न केवल मान-सम्मान दिया, बल्कि कई पदों से नवाजा, साथ ही जिस कांग्रेस को वो ताउम्र कोसते रहे, उसमें उन्हें भविष्य नजर आने लगा। शेखावत का कहना है कि 2023 में कांग्रेस प्रदेश का भविष्य तो 2024 में देश का भविष्य बन सकती है। राजनीति में नेताओं का कोई धर्म-ईमान नहीं होता है। पद और प्रतिष्ठा के लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं। सत्ता परिवर्तन के लिए 22 विधायकों ने कांग्रेस का दामन छोड़ा था, वहीं अब भाजपा में दल-बदल जारी है।
बदनावर से हारने वाले भंवरसिंह शेखावत को लग गया था कि उन्हें अब टिकट नहीं मिलेगा, इसलिए उन्होंने उस कांग्रेस का दामन थाम लिया, जिसे वे ताउम्र पानी पी-पीकर कोसते रहे। भाजपा में तोडफ़ोड़ से खुश कांग्रेसियों ने उन्हें कांग्रेस का ध्वज थमाते हुए मुंह मीठा करवाया तो शेखावत ने हाथोहाथ कांग्रेस की तारीफ में कसीदे जड़ते हुए कहा कि पार्टी ने देश के आजादी के आंदोलन में जो बलिदान दिए हैं, आज उसी के कारण विश्व में भारत का डंका बज रहा है। भाजपा में अब वरिष्ठों का सम्मान नहीं किया जाता है, वहां पर अब गद्दारों का सम्मान किया जाता है। पार्टी में कैलाश विजयवर्गीय जैसे भस्मासुर हैं, जो पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। खुद के लाभ के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की पीठ में छुरा घोंप रहे हैं। ऐसे नेताओं को सबक सिखाने के लिए मैंने कांग्रेस में प्रवेश किया है।
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