कुवैत । कुवैत के शीर्ष राजनयिक व शासक शेख सबाह अल अहमद अल सबाह की मृत्यु हो गई। वह 91 वर्ष के थे। 1990 के खाड़ी युद्ध के बाद इराक से नजदीकी बढ़ाने के लिए तेल संपन्न राष्ट्र के शीर्ष राजनयिक के रूप में जाने जाते थे। वह शेख अहमद अल-जबर अल-सबा के चौथे बेटे हैं। 83 वर्षीय उनके भाई शेख नवाफ अल अहमद अल सबा को क्राउन प्रिंस के रूप में कुछ शक्तियां अस्थायी रूप से दी गई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत के अमीर शेख सबाह अल अहमद अल सबाह के निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि आज कुवैत और अरब दुनिया ने एक प्रिय नेता और भारत का एक करीबी दोस्त और एक महान राजनेता को खो दिया है। शेख सबा अल अहमद, हाल ही में सर्जरी के लिए अमेरिका गए थे। राष्ट्रपति ट्रंप ने अमीर शेख अल-अहमद को अमेरिका लाने के लिए वायु सेना का विमान भेज था जिस पर कुवैती क्राउन ने पत्र भेजकर उनको थैंक्स कहा था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शेख सबा अल अहमद ने 2006 से तेल समृद्ध खाड़ी अरब राज्य पर शासन किया था और 50 से अधिक वर्षों तक अपनी विदेश नीति की देखरेख की थी। शेख अल सबाह ने अक्सर सऊदी अरब, उसके सहयोगियों और कतर के बीच जारी राजनयिक गतिरोध समेत क्षेत्रीय विवादों में मध्यस्थ के रूप में भी काम किया। कुवैत ने मानवीय सहायता के लिए कई दाता सम्मेलनों की मेजबानी करने के बजाय उन्होंने सीरिया के गृह युद्ध में हस्तक्षेप करने से परहेज किया। 1929 में जन्मे शेख सबा को आधुनिक कुवैत की विदेश नीति के वास्तुकार के रूप में जाना जाता है। प्रधानमंत्री बनने से पहले उन्होंने 1963 से 2003 के बीच लगभग 40 वर्षों तक विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया था।
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