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शत्रुघ्न सिन्हा : न घर में बनी – न बाहर निभा सके बिहारी बाबू

December 10, 2020

‘शॉटगन’ के नाम से मशहूर सब को खामोश कर देने वाले दिग्गज अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा अपने बेबाक अंदाज की वजह से अक्सर विवादों में घिरे रहे हैं। उन्होंने सीधे तौर पर कटाक्ष करने में न तो सिनेमा में अपने सहकर्मियों को बख्शा और न ही राजनीति में अपनी पार्टी के लोगों के साथ नरमी दिखाई। शत्रुघ्न सिन्हा ने सिनेमा में भी खूब नाम कमाया और उतनी ही चर्चा उनके राजनीतिक करियर की भी रही। लेकिन, अपने बेबाक अंदाज के चलते वह दोनों ही जगहों पर अपने गहरे दोस्त नहीं बना पाए। आइए नजर डालते हैं उनके सिनेमा और सियासत के करियर के दौरान उपजे कुछ विवादों पर।

मीटू विवाद
दक्षिण भारतीय फिल्मों में फिल्म अभिनेत्रियों के साथ हुए अशिष्ट व्यवहार ने जब मीटू अभियान का रूप लिया तब कई अभिनेत्रियों ने सामने आकर अपने साथ हुए दुराचार की बात जाहिर की। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में इसकी शुरुआत अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने की। उस समय फिल्म इंडस्ट्री का बचाव करते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने बयान दिया कि कोई भी अभिनेत्री बिना सबूत के किसी भी बड़े आदमी पर इल्जाम लगाती है तो इसे सही करार कैसे दिया जा सकता है? इस मामले में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के साथ खड़े रहने की बात कही।

कास्टिंग काउच विवाद
कुछ साल पहले हुए कास्टिंग काउच विवाद में भी शत्रुघ्न सिन्हा ने उस बयान का बचाव किया जिसको बहुत ज्यादा विवादित माना गया। जानी मानी कोरियोग्राफर सरोज खान ने अपने बयान में कहा था कि कोई भी लड़की फिल्म इंडस्ट्री में आकर अगर कास्टिंग काउच का शिकार होती है तो वह उसकी मर्जी है। इस बयान पर देश में काफी विवाद हुआ। शत्रुघ्न सिन्हा ने तब कहा था कि सरोज खान ने कुछ भी झूठ नहीं कहा। शत्रुघ्न ने तो यहां तक कहा कि हो सकता है कि सरोज खान भी किसी इस तरह के अनुभव से गुजरी हों जिससे उन्हें इस मामले का ज्ञान हुआ हो। शत्रुघ्न ने यह भी कहा कि कास्टिंग काउच सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री में ही नहीं, बल्कि राजनीति में भी होता है।

‘कॉफी विद करण’ विवाद
‘शॉटगन’ के गुस्से का शिकार एक बार फिल्म निर्माता और निर्देशक करण जौहर का टॉक शो ‘कॉफी विद करण’ भी हो चुका है। जब देश में दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मामले में काफी विवाद हो रहे थे, उस वक्त शत्रुघ्न सिन्हा ने करण जौहर के शो ‘कॉफी विद करण’ को विवादों को जन्म देने वाला बताया। हालांकि, उन्होंने इस शो का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया। शत्रुघ्न ने कहा कि टीवी के ‘कॉफी विद अर्जुन’ जैसे शो विवादों को जन्म देने का काम करते हैं।

‘दोस्ताना’ विवाद
निर्देशक राज खोसला जब फिल्म ‘दोस्ताना’ बना रहे थे तो उन्होंने मुख्य अभिनेता के रूप में अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना को चुना था। लेकिन, यश जौहर ने फिल्म में विनोद खन्ना की जगह शत्रुघ्न सिन्हा को ले लिया। राज खोसला कभी अपने निर्देशन के काम में किसी दूसरे का दखल बर्दाश्त नहीं करते थे। इसी फिल्म के दौरान अमिताभ बच्चन और महेश भट्ट के बीच भी तनातनी के किस्से खूब हुए। महेश भट्ट तब राज खोसला के असिस्टेंट हुआ करते थे। फिल्म के एक दृश्य को लेकर जानकारी के मुताबिक अमिताभ बच्चन का राज खोसला से विवाद भी हुआ और शत्रुघ्न सिन्हा उस समय सेट पर ही मौजूद थे। इस घटना का जिक्र शत्रुघ्न ने अपनी बायोग्राफी में ही किया है।

‘काला पत्थर’ विवाद
अमिताभ बच्चन के साथ शत्रुघ्न सिन्हा की एक दिक्कत फिल्म ‘काला पत्थर’ के दौरान भी हुई। हुआ कुछ ऐसा था कि फिल्म में एक फाइट सीक्वेंस था जिसमें अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा लड़ने वाले थे। जब लड़ाई शुरू हुई तो शत्रुघ्न अपने हिसाब से चल रहे थे जबकि अमिताभ बच्चन उन्हें लगातार पीटते रहे। यह देखकर शत्रुघ्न क्रोधित हो गए और उन्होंने सेट पर हंगामा शुरू कर दिया। दरअसल, अमिताभ ने शत्रुघ्न को तब तक पीटा जब तक शशि कपूर ने आकर दोनों को अलग नहीं किया। शत्रुघ्न सिन्हा का आरोप था कि अमिताभ के कहने पर फिल्म की पटकथा में बदलाव किया गया था।

रीना रॉय संग जोड़ी
शत्रुघन सिन्हा और रीना रॉय की जोड़ी हिंदी सिनेमा की चंद सुपरहिट जोड़ियों में शुमार है। दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे थे और काफी वक्त साथ में भी बिता रहे थे। शत्रुघ्न रीना के अलावा तब तक पूनम से भी शादी की बात चला चुके थे। एक बार रीना जब किसी काम से लंदन गई तो शत्रुघ्न ने उनके जाते ही पूनम से शादी कर ली। कहा जाता है कि पूनम से शादी के बाद भी शत्रुघ्न का मेलजोल रीना रॉय से चलता रहा। यह बात खुद शत्रुघ्न ने भी कुबूली।

एनीथिंग बट खामोश
बहुत सारे विवादों को जन्म शत्रुघन सिन्हा की बायोग्राफी ‘एनीथिंग बट खामोश- द शत्रुघन सिन्हा बायोग्राफी’ ने भी दिया। अपनी बायोग्राफी में शॉटगन ने खुलासा किया कि अमिताभ बच्चन के साथ उनकी जोड़ी पर्दे पर बहुत बार देखी गई और इसे लोग पसंद भी करते थे। यह जोड़ी ‘नसीब’, ‘शान’, ‘दोस्ताना’, ‘काला पत्थर’ जैसी कई फिल्मों में बनी। लेकिन, शत्रुघ्न सिन्हा को कई फिल्में अमिताभ बच्चन के कारण छोड़ने की पड़ीं। इस किताब में उन्होंने बताया कि उनके अच्छे अभिनय की वजह से अमिताभ बच्चन हमेशा उनसे जलते थे। जबकि, उन्होंने अमिताभ को कई फिल्में भी दिलवाईं।

बीजेपी विवाद
शत्रुघ्न सिन्हा लंबे समय तक बीजेपी के कद्दावर नेता रहे। उनकी राजनीतिक ख्वाहिश बिहार का मुख्यमंत्री बनने की थी और बीजेपी ने वर्ष 2015 में जब बिहार का चुनाव लड़ा तो मुख्यमंत्री का चेहरा सुशील कुमार मोदी को बनाया, शत्रुघ्न सिन्हा को नहीं। इस बात को शत्रुघ्न सहन नहीं कर पाए और उन्होंने बीजेपी की खिंचाई करनी शुरू कर दी। अंत में शत्रुघ्न ने बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया। जिसके बाद कहा जा रहा है कि जिस पार्टी के साथ राजनीतिक शुरूआत की, वह भी उनके हाथ से उनके निर्णय से निकली ही, वहीं जिस पार्टी का उन्‍होंने दामन थामा उसमें भी आज उन्‍हें कोई महत्‍व देनेवाला नहीं दिखाई दे रहा है।

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